पेंशन के लिए लोकतंत्र सेनानियों का हो रहा सत्यापन Prayagraj News
ऐसे भी लोग पेंशन ले रहे हैैं जो अपराध की धारा में जेल गए थे और राजनैतिक पेंशन ले रहे हैैं।
प्रयागराज,जेएनएन : इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन सत्यापन के बाद ही मिलेगी। जिले के 131 लोकतंत्र सेनानियों के सत्यापन के लिए 16 मजिस्ट्रेटों को लगाया गया है। आधे से ज्यादा मीसा बंदियों का सत्यापन हो गया है। सितंबर से लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन नहीं मिल रही है।
इमरजेंसी के दौरान जेल गए मीसा बंदियों को पेंशन के रूप में मुलायम सिंह यादव की सरकार में वर्ष 2005 से पांच सौ रुपये प्रतिमाह देना शुरू हुआ था। इसके एक साल बाद इसे बढ़ाकर एक हजार किया गया था। वर्ष 2007 में मायावती की सरकार में इसे रोक दिया गया। फिर वर्ष 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनी तो पेंशन की रकम तीन हजार कर दी गई। एक साल बाद ही बढ़ाकर छह हजार और इसके एक साल बाद 10 हजार फिर 15 हजार रुपये कर दी गई। वर्तमान में 20 हजार रुपये पेंशन दी जा रही है। पेंशन और बढ़ा दी जाती मगर आजादी की लड़ाई लड़ऩे वालों को 21 हजार तीन सौ रुपये ही पेंशन मिल रही है, इसलिए उनसे ज्यादा नहीं बढ़ाई गई।
लोकतंत्र सेनानियों के पेंशन को लेकर नया पेच सामने आ गया है। कहा जा रहा है कि कई ऐसे भी लोग पेंशन ले रहे हैैं जो अपराध की धारा में जेल गए थे और राजनैतिक पेंशन ले रहे हैैं। अब 14 वर्ष बाद इसका सत्यापन शुरू हो गया है। जो लोग इमरजेंसी के विरोध में जेल गए थे अब उन्हें ही पेंशन मिलेगी। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी के निर्देश पर जिले में भी सभी एसडीएम व तहसीलदारों को सत्यापन कार्य में लगाया गया है। सत्यापन रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजी जाएगी, जिसके बाद पेंशन जारी होगी। जिले में अब तक 70 के करीब सेनानियों का सत्यापन हो गया है। एडीएम प्रशासन विजय शंकर दुबे का कहना है कि जल्द ही सत्यापन का कार्य पूरा हो जाएगा और फिर रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
मुरली और नकवी नहीं लेते पेंशन :
डॉ.मुरली मनोहर जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, सत्यप्रकाश मालवीय ने भी इमरजेंसी का जमकर विरोध किया था। इन्हें भी गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल नैनी में रखा गया था। हालांकि डॉ.जोशी और नकवी लोकतंत्र सेनानी पेंशन नहीं लेते। पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यप्रकाश ने भी शुरू में पेंशन नहीं लिए थे मगर बाद में वह लेने लगे थे।