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दीक्षा समारोह से पहले मानद उपाधि पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छिड़ी रार Prayagraj News

इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक दिवस पर दीक्षा समारोह में मानद उपाधि से विशिष्‍टजनों को सम्‍मानित करेगा। वहीं इविवि के रिटायर्ड प्रोफेसर ने मानद उपाधि पर सवाल उठा दिए हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 09:55 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 09:55 AM (IST)
दीक्षा समारोह से पहले मानद उपाधि पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छिड़ी रार Prayagraj News
दीक्षा समारोह से पहले मानद उपाधि पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छिड़ी रार Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 22 साल बाद शिक्षक दिवस यानी पांच सितंबर को होने जा रहा दीक्षा समारोह विवादों के घेरे में आ गया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राम किशोर शास्त्री ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी और डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने इविवि के विजिटर यानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है।

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पूरब का ऑक्सफोर्ड ग्रेडिंग में शीर्ष 200 में भी स्थान नहीं बना सका : प्रो. शास्त्री

प्रो. राम किशोर शास्त्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों के दम पर पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय अदूरदर्शी और आत्मकेंद्रित नीति के चलते ग्रेडिंग में शीर्ष 200 में भी स्थान नहीं बना सका। इसका ठीकरा उन्होंने इविवि नेतृत्व पर फोड़ा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि देने पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि यदि इविवि प्रशासन को राजनीति के क्षेत्र में मानद उपाधि देनी थी तो इविवि को केंद्रीय विवि बनाने के शिल्पकार प्रो. मुरली मनोहर जोशी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर विचार करना था। इससे विश्वविद्यालय के विकास को भी गति मिल सकती थी।

कहा, विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार विरोधी छात्रसंघ की आवाज को दबाने की कवायद

प्रशासन के क्षेत्र में नृपेंद्र मिश्र, योगेंद्र नारायण, सुभाष कश्यप का नाम मानद उपाधि के लिए गिनाया। न्याय के क्षेत्र में कई पुरा छात्र सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व उच्च न्यायलयों में सेवारत हैं। पुलिस प्रशासन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के डीजीपी श्रीप्रकाश सिंह, बीएसएफ के निदेशक रहे अजयराज शर्मा व विभूति नारायण राय और विक्रम सिंह व एसी शर्मा का नाम गिनाया। उन्होंने कहा ओपी सिंह को मानद उपाधि केवल इसलिए दिया जा रहा है कि कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू पुलिस के समर्थन से विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार विरोधी छात्रसंघ की आवाज को दबा सकें। इसके लिए वह इविवि के कार्य परिषद के सदस्यों को भी पत्र लिखेंगे, जिससे वह विरोध कर सकें।

मानद उपाधि देने की प्रक्रिया का उल्लंघन

30 जून 2016 को इविवि से सेवानिवृत्त हुए प्रो. राम किशोर शास्त्री ने कहा विश्वविद्यालय अध्यादेश के मुताबिक मानद उपाधि दिए जाने की प्रक्रिया का भी उल्लंघन किया गया है। नियम यह है कि किसी व्यक्ति को मानद उपाधि देने के लिए कुलाधिपति की पूर्व अनुमति आवश्यक है, लेकिन इविवि प्रशासन ने ऐसा नहीं किया। यही नहीं अभी तक अध्यादेश के अनुसार विजिटर को कोई सूचना तक नहीं दी गई। उन्होंने कहा वर्ष 1996 में जिस विवि में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और नोबल पुरस्कार विजेता प्रो. रिचर्ड अर्नस्ट जैसे वैज्ञानिकों को मानद उपाधि दी गई, वहां वर्तमान में इस तरह मानद उपाधि देना गरिमा के खिलाफ है।

बोले इविवि के जनसंपर्क अधिकारी

इविवि के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. चित्तरंजन कुमार कहते हैं कि दो दशक बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दीक्षा समारोह हो रहा है, यह सब के लिए हर्ष की बात है। इविवि केशरीनाथ त्रिपाठी और ओपी सिंह को मानद उपाधि देते हुए गर्व का अनुभव करता है। आज जो मानद उपाधि के लिए नए नाम सुझा रहे हैं, वह पिछले 22 वर्षों से किस बिल में छुपे थे। इविवि ने दीक्षा समारोह में हर प्रक्रिया का पालन किया है।


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