हैरानी की बात, प्रयागराज में तो सब्जियां थोक मंडी में पहुंचने से पहले ही बिक जाती हैं
मुंडेरा सब्जी एवं फल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि ऐसे व्यापारियों को चिन्हित करके कार्रवाई की जानी चाहिए जो फुटकर मंडी में थोक माल बेच रहे हैं। अन्यथा मंडी बर्बाद हो जाएगी। यहां सभी नियम-कानून लागू होते हैं। बाहर कोई नियम-कानून नहीं है।
प्रयागराज, जेएनएन। किसानों को कहीं भी माल बेचने की सरकारी छूट मिलने का फायदा तमाम थोक व्यापारी उठा रहे हैं। इससे सब्जियां भी फुटकर मंडियों में थोक भाव में बेची जा रही हैं। इसका असर मुंडेरा मंडी के किसानों और आढ़तियों पर पड़ रहा है। मंडियों में सब्जियों की बिक्री घटकर करीब आधी हो गई है। बिक्री में बेतहाशा गिरावट होने से किसान और आढ़ती परेशान हैं। सब्जियों की कीमतें भी काफी गिर गई हैं।
मंडी में हरी सब्जियां बर्बाद हो रही हैं
मंडी में जो सब्जियां आ रही हैं, उसमें से आधा भी नहीं बिक रही हैं। इससे हरी सब्जियां बर्बाद भी हो रही हैं। इसका असर सब्जियों की कीमतों पर भी पड़ा है। रविवार को प्याज की कीमत 20 रुपये से कम होकर 15 रुपये किलो तक हो गई। कद्दू पांच से सात-आठ रुपये किलो हो गया। बैगन भी सात-आठ रुपये किलो हो गया है। खीरा का दाम घटकर 14-15 रुपये किलो तक हो गया है। आलू सात-आठ, टमाटर छह-सात, पत्तागोभी सात-आठ रुपये पीस, लौकी आठ से 10 रुपये किलो रही। ककड़ी दो-तीन रुपये पीस, लहसुन का दाम 35-40 रुपये किलो है।
जानें, प्रयागराज में सब्जियों का रेट
मटर का सीजन खत्म होने के कारण रेट बढ़कर 30-35 रुपये किलो हो गया है। भिंडी, करैला और नेनुआ बाहर से आने के कारण अभी महंगे हैं। करेला और भिंडी 50 रुपये किलो, नेनुआ 40 रुपये किलो है। वहीं, फुटकर में आलू 10, टमाटर 10, प्याज 25, लहसुन 60 रुपये किलो है। मुंडेरा सब्जी एवं फल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि ऐसे व्यापारियों को चिन्हित करके कार्रवाई की जानी चाहिए, जो फुटकर मंडी में थोक माल बेच रहे हैं। अन्यथा मंडी बर्बाद हो जाएगी। यहां सभी नियम-कानून लागू होते हैं। बाहर कोई नियम-कानून नहीं है।