अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में फिर अहम हुआ स्वामी वासुदेवानंद का आश्रम Prayagraj News
प्रयागराज से अकेले स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है। इससे श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर आश्रम में सरगर्मी बढ़ गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का अलोपीबाग स्थित आश्रम फिर महत्वपूर्ण हो गया है। आश्रम में चहल-पहल पहले की तुलना में इन दिनों बढ़ गई है। स्वामी वासुदेवानंद को बधाई देने का क्रम तो जारी ही है, देश और दुनिया में फैले उनके शिष्य अपनी भूमिका के संबंध में भी लगातार उनसे संपर्क में हैैं। उन्हें पहली बैठक का इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है।
स्वामी वासुदेवानंद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य बनाए गए हैैं
प्रयागराज से अकेले स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है। सरकार की तरफ से घोषित पहले नौ सदस्यीय टीम में उनका भी नाम शामिल है। उनके अनुयायी आश्रम में पहुंचकर लगातार बधाई और यह आश्वासन दे रहे हैं कि वह भविष्य में भी अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर के लिए हर संभव सहयोग देंगे। बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड के हरिद्वार, पंजाब से भी अनुयायी फोन से संपर्क में हैैं।
वासुदेवानंद का आश्रम श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में हुई कारसेवा का प्रमुख केंद्र था
स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का आश्रम इससे पहले 90 के दशक में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान हुई कारसेवा (सेवा कार्य) में भी प्रमुख केंद्र था। किसी भी आंदोलन की शुरुआती रणनीति यहीं से बनती थी। उस समय कारसेवक के रूप में यहां पहुंचे विभिन्न प्रदेशों के तमाम लोग अब विदेश में हैं। अब जबकि श्रीराम मंदिर निर्माण की दिशा तय करने के लिए दिल्ली में 19 फरवरी को ट्रस्ट की बैठक प्रस्तावित हुई है, सभी अनुयायियों में भारी उत्साह है।