'पहले आप' में फंसे पंचायत चुनाव और यूपी बोर्ड परीक्षा, स्कूल बनने हैं परीक्षा केंद्र और मतदान केंद्र भी
यूपी बोर्ड प्रशासन ने शैक्षिक कैलेंडर में लिखित परीक्षा मार्च व अप्रैल में कराने के संकेत दिए थे। संयोग से इसी बीच पंचायत चुनाव हैं। इन्हीं दो माह में बोर्ड ने दो तरह के कार्यक्रम फौरी तौर पर तैयार किया है।
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश में पंचायत की परीक्षा पहले होगी या यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा? राज्य में होने वाले इन दोनों इम्तिहान खासे अहम हैैं और एक-दूसरे पर निर्भर भी। यूपी बोर्ड परीक्षा तभी होगी जब माध्यमिक कॉलेज परीक्षा के केंद्र बनें और पंचायत चुनाव में यही कॉलेज मतदान केंद्र
बनने हैं। इतना ही नहीं परीक्षा कराने वाले शिक्षक व अन्य अधिकारियों पर ही पंचायत चुनाव कराने का जिम्मा रहता है। यह भी संयोग है कि पंचायतों में चुने गए जनप्रतिनिधियों के पांच साल पूरे हो चुके हैं तो बोर्ड परीक्षा के वार्षिक आयोजन का भी एक साल पूरा हो रहा है। दोनों प्रक्रिया एक साथ संभव नहीं है, बल्कि दोनों में से पहले किसका इम्तिहान लिया जाए जल्द सुलझने के आसार हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं इधर फरवरी व मार्च माह में होती रही हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पढ़ाई प्रभावित हुई तो वार्षिक परीक्षा तैयारियां भी पिछड़ गईं। अंदाजा इसी से लगाइए कि बोर्ड परीक्षा की केंद्र निर्धारण नीति सितंबर तक जारी होती थी, वह नवंबर में घोषित हुई और दिसंबर-जनवरी में होने वाली प्रायोगिक परीक्षाएं फरवरी में होनी हैं।
यूपी बोर्ड ने प्रैक्टिकल की तारीखें जारी कर दी हैं लेकिन, लिखित परीक्षा पर पर्दा पड़ा है। तैयारी थी कि लिखित परीक्षा कार्यक्रम जनवरी के पहले पखवारे में घोषित होगा लेकिन, पंचायत चुनाव का कार्यक्रम जारी न होने से यह लटक गया। यूपी बोर्ड 27 हजार से अधिक माध्यमिक कॉलेजों में से बेहतर संसाधन वाले कालेजों को परीक्षा केंद्र बना रहा है, जहां 56 लाख से अधिक परीक्षार्थी इम्तिहान देंगे।
बोर्ड का प्लान ए और बी : यूपी बोर्ड प्रशासन ने शैक्षिक कैलेंडर में लिखित परीक्षा मार्च व अप्रैल में कराने के संकेत दिए थे। संयोग से इसी बीच पंचायत चुनाव हैं। इन्हीं दो माह में बोर्ड ने दो तरह के कार्यक्रम फौरी तौर पर तैयार किया है। यदि पंचायत चुनाव अप्रैल में होता है तो परीक्षा मार्च के दूसरे पखवारे में हो सकती है और यदि चुनाव अप्रैल के पहले हफ्ते तक पूरा होता है तो परीक्षा उसके बाद कराई जाएगी। ज्ञात हो कि परीक्षा के लिए 15 दिन का समय चाहिए। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल कहते हैं कि शासन जैसे ही कार्यक्रम मांगेगा, बोर्ड तैयारी के अनुरूप उसे भेज देगा।
सीबीएसई परीक्षा मई में प्रस्तावित : सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चार मई से होना प्रस्तावित हैं। यूपी बोर्ड हर साल की तरह उससे पहले ही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 पूरी करा लेगा और रिजल्ट भी जल्द आएगा।