UPTET 2019 : नकल रोकने को सभी परीक्षा केंद्रों की होगी वीडियोग्राफी, धारा 144 भी रहेगी लागू
UPTET 2019 सभी परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी कराने की तैयारी है ताकि परीक्षार्थी को छोड़कर कोई अन्य परिसर में घुसने का प्रयास न कर सके।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) 2019 को लेकर शिक्षा महकमा बेहद सतर्क है। नकलविहीन परीक्षा के लिए केंद्रों के आसपास अराजकतत्वों का जमावड़ा रोकने के लिए कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं। सभी 1986 परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी कराने की तैयारी है, ताकि परीक्षार्थी को छोड़कर कोई अन्य परिसर में घुसने का प्रयास न कर सके, क्योंकि ऐसा करने वाले आसानी से चिन्हित हो जाएंगे।
यूपी टीईटी कराने का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को मिला है। इसके लिए शासनादेश में ही तमाम उपाय किए गए हैं। परीक्षार्थियों और केंद्र व्यवस्थापकों के लिए परीक्षा केंद्रों के अंदर मोबाइल या स्मार्टफोन लेकर जाना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। पर्यवेक्षक व अन्य अफसर भी केंद्र के अंदर स्मार्टफोन नहीं ले जा सकेंगे। उन्हें बिना कैमरे वाला सामान्य मोबाइल फोन ले जाने की छूट रहेगी।
इसी तरह से प्रश्नपत्र को हर जिले के कोषागार के डबल लॉक में रखवाने व केंद्रों तक पहुंचाने के लिए भी अफसरों की टीम लगाई जा रही है। पेपर खोलते समय भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पूरी परीक्षा सीसीटीवी की निगरानी में होगी। शासन ने हर केंद्र पर पर्याप्त पुलिस बल लगाने और आसपास 200 मीटर की दूरी में धारा 144 लागू करने के भी निर्देश दिए हैं। परीक्षा संस्था ने गेट पर वीडियोग्राफी कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है, संभव है कि वह जल्द ही जारी हो जाएगा।
गुरुवार तक प्रवेशपत्र होगा अपलोड
परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि 22 दिसंबर को दो पालियों में होने वाली परीक्षा के लिए केंद्र अंतिम रूप से तय हो चुके हैं। एनआइसी अब प्रवेशपत्र जारी करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दस दिन पहले यानी 12 दिसंबर गुरुवार तक प्रवेशपत्र वेबसाइट पर अपलोड होने की उम्मीद है।
सीटेट 2019 से बढ़ी चुनौती
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी सीटेट आठ दिसंबर को हुई है, कानपुर में पेपर आउट का खुलासा हुआ है। इसके एक पखवारे बाद हो रही यूपी टीईटी को लेकर चुनौती बढ़ गई है। पिछले वर्ष भी पेपर आउट होने के आरोप लगे थे लेकिन, परीक्षा संस्था ने पेपर मिलाया तो आरोप गलत निकला था।