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यूपीपीसीएस मेन्स परीक्षा-2017: 19 जून को हुई निबंध और सामान्य हिंदी की परीक्षा रद

उप्र लोकसेवा आयोग ने मंगलवार को पीसीएस मेंस 2017 की दोनों पाली की परीक्षा निरस्त कर दी है, बाकी प्रश्नपत्र की परीक्षा बुधवार से तय कार्यक्रम के अनुसार होगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 11:41 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 09:33 AM (IST)
यूपीपीसीएस मेन्स परीक्षा-2017: 19 जून को हुई निबंध और सामान्य हिंदी की परीक्षा रद
यूपीपीसीएस मेन्स परीक्षा-2017: 19 जून को हुई निबंध और सामान्य हिंदी की परीक्षा रद

इलाहाबाद (जेएनएन)। प्रदेश में सबसे अहम पदों पर चयन करने वाली संस्था लोक सेवा आयोग के इतिहास में मंगलवार को एक कलंक और जुड़ गया जबकि पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा हिंदी की जगह निबंध का पेपर बांट दिया गया। इससे क्षुब्ध अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने परीक्षा का बहिष्कार किया और केंद्र पर ही धरने पर बैठ गए। बाद में हजारों प्रतियोगियों ने आयोग मुख्यालय का घेराव व सड़क जाम करके उग्र प्रदर्शन किया। उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कई बार लाठीचार्ज तक करना पड़ा। अभ्यर्थियों के आक्रोश को देखते हुए मंगलवार की दोनों पालियों की परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं।

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आयोग की पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 सोमवार से शुरू हुई है। इसमें 12 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हैं जो कि इलाहाबाद और लखनऊ के 28 केंद्रों पर परीक्षा दे रहे हैं। पहले दिन की परीक्षा शांतिपूर्वक हुई। मंगलवार को पहली पाली में सुबह 9.30 से 12.30 बजे तक सामान्य हिंदी की परीक्षा थी। इलाहाबाद के राजकीय इंटर कालेज परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को जब प्रश्नपत्र दिया गया तो वे अचरज में पड़ गए। हिंदी की परीक्षा थी और उन्हें निबंध के पेपर पकड़ा दिए गए थे। अभ्यर्थियों ने जब इस पर एतराज जताया तो परीक्षकों ने उसे ही हल करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।

जीआइसी प्रशासन ने अभ्यर्थियों को शांत करने के लिए कहा कि आयोग से वार्ता की जा रही है। फिर भी खफा अभ्यर्थी परीक्षा बहिष्कार करके बाहर निकल आए और धरना देना शुरू कर दिया। इस बीच सूचना पाकर लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार केंद्र पर आ पहुंची। उन्होंने देखा कि गलत प्रश्नपत्र बांट दिया गया है तो इसकी रिपोर्ट आयोग को की।
आयोग के इतिहास में यह पहला अवसर था जबकि मुख्य परीक्षा में गलत प्रश्नपत्र बांट दिया गया। इसकी सूचना जैसे ही अन्य प्रतियोगी छात्रों को मिली, वे आयोग पर जमा होने लगे। इस बीच अन्य केंद्रों की परीक्षा भी खत्म हो गई और वहां के अभ्यर्थी भी आयोग पर पहुंच गए। उन्होंने आयोग मुख्यालय का घेराव करके सड़क जाम कर दिया। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को दो बार लाठी चार्ज करना पड़ा। सायंकाल छात्रों ने प्रतापगढ़ डिपो की अनुबंधित बस संख्या यूपी 72 एटी 1625 में आग भी लगा दी।

इस पर पुलिस ने फिर लाठीचार्ज किया तो प्रतियोगी तितर-बितर तो हुए लेकिन बाद में आयोग के बाहर ही सैकड़ों अभ्यर्थियों ने धरना शुरू कर दिया। पुलिस के रवैये खफा इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह व अन्य छात्राएं सड़क पर बैठ गईं, उन्हें समझाने का प्रयास हुआ न मानने पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर महिला थाने पर ले गई। वहीं, सिविल लाइंस थाने में कुछ छात्रनेताओं के खिलाफ एफआइआर भी हुई, आयोग के सामने धरना देर रात खत्म हो गया। छात्रों में इसलिए भी अधिक आक्रोश था क्योंकि वे पीसीएस मुख्य परीक्षा की तारीखें आगे बढ़ाए जाने की मांग करते रहे थे लेकिन आयोग ने इसे अनसुना कर दिया था।
दोपहर बाद आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि गलती से दूसरा प्रश्नपत्र बांटा गया है। इससे मंगलवार को प्रथम पाली की हिंदी और दूसरी पाली की निबंध की परीक्षा निरस्त कर दी गई है। अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम में परिवर्तन नहीं किया गया है। बुधवार और उसके बाद की परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी।

पीसीएस का पेपर रद होना सरकार की नाकामयाबी : अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पीसीएस के दो पेपर निरस्त होने को सरकार की नाकामयाबी बताया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया-' मेंस परीक्षा का पेपर रद होना सरकार की नाकामयाबी, भ्रष्टाचार और उनकी अहंकारी जिद का प्रतीक है। सरकार व आयोग खुद तैयार नहीं हैं और अभ्यर्थियों से एक महीने से कम समय में तैयारी की उम्मीद रखते हैं। इस सरकार में देश-प्रदेश का हर संस्थान और संविधान संकट के दौर से गुजर रहा है। अखिलेश ने इससे पहले एक बयान जारी कर पीसीएस की मुख्य परीक्षा टालने की मांग की थी। 



वार्ता विफल, परीक्षा बहिष्कार का अल्टीमेटम
पीसीएस मुख्य परीक्षा का पेपर बदल जाने से खफा अभ्यर्थी आयोग कार्यालय के सामने धरना दे रहे थे, वहीं आयोग प्रशासन आपात बैठक करके रणनीति बनाने में जुटा रहा। शाम को प्रतियोगियों को आयोग ने वार्ता के लिए बुलाया। प्रतियोगी परीक्षा निरस्त करने की मांग पर अड़े थे, वहीं आयोग परीक्षा टालने को तैयार न हुआ। इस पर प्रतियोगियों ने गुरुवार से होनी वाली परीक्षा का बहिष्कार करने का अल्टीमेटम दिया है।

कब क्या हुआ

- 9:30 बजे : इलाहाबाद जीआइसी में पेपर बंटा
- 9:35 बजे : अभ्यर्थियों ने गलत प्रश्नपत्र की शिकायत की 
- 9:45 बजे : जीआइसी प्रशासन ने आयोग को दी जानकारी
- 10:00 बजे : अभ्यर्थियों ने शुरू किया विरोध 
- 10:10 बजे : अभ्यर्थी जीआइसी से बाहर निकले
- 10:20 बजे : जीआइसी के बाहर नारेबाजी
- 10:35 बजे : केपी इंटर कालेज के लिए अभ्यर्थी रवाना
- 11:00 बजे : केपी इंटर कालेज में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
- 11:15 बजे : आयोग अध्यक्ष के आवास पर प्रदर्शन
- 11:30 बजे : आयोग की तरफ अभ्यर्थियों का हुजूम बढ़ा
- 11:50 बजे : आयोग पहुंचे अभ्यर्थियों ने परीक्षा में डाला व्यवधान
- 11:53 बजे : प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज
-12:00 बजे : आयोग पर धरना प्रदर्शन शुरू
- 12:35 बजे : परीक्षा छूटने पर अभ्यर्थियों का बढ़ा हुजूम
- 12:50 बजे : म्योहाल चौराहे पर चक्काजाम 
- 4:30 बजे : अभ्यर्थियों का प्रतिनिधि मंडल आयोग के भीतर पहुंचा
- 5:10 बजे : वार्ता विफल अभ्यर्थी बाहर निकले 
- 5:30 बजे : आयोग के गेट पर धरना फिर शुरू
- 5:40 बजे : प्रदर्शनकारी पुन: सड़क पर आए। 
- 6:30 बजे : गुस्साए अभ्यर्थियों ने आयोग के सामने बस में आग लगाई।

तीन माह पहले बन गए थे पेपर

पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 में पहले दिन का जो पेपर अभ्यर्थियों को मिला उसमें समसामयिक प्रश्न तो पूछे गए थे लेकिन, कई अभ्यर्थियों की मानें तो इसमें तीन महीने के भीतर हुए विभिन्न घटनाक्रम से संबंधित प्रश्न नहीं थे। जिससे कयास लगाया जा रहा है कि विशेषज्ञों ने प्रश्न पत्र तीन माह पहले ही बना लिए थे।

आयोग के पुराने पैटर्न की आखिरी परीक्षा

पीसीएस 2017 उप्र लोकसेवा आयोग के पुराने पैटर्न की आखिरी परीक्षा है। अब पीसीएस 2018 यूपीएससी के पैटर्न पर होनी है। जिसमें आयोग की ओर से कई बदलाव कर दिए गए हैं। पीसीएस 2017 की प्री और मुख्य परीक्षा में हुए सुधार से अभ्यर्थियों में उम्मीद की नई किरण जगी है तो यह परीक्षा आयोग के लिए भी रिहर्सल की तरह होगी। 


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