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UP Sikshak Bharti : शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड चंद्रमा भी गिरफ्तार Prayagraj News

UP Sikshak Bharti पूछताछ में चंद्रमा ने बताया कि एक पर्चा आउट करने पर उसे छह लाख रुपये मिलते थे। पिछले कुछ सालों में शिक्षक भर्ती समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे आउट किए थे। जनवरी 2020 में ही एसटीएफ ने चंद्रमा और उसके कई साथियों को जेल भेजा था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 08:13 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 07:16 AM (IST)
UP Sikshak Bharti : शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड चंद्रमा भी गिरफ्तार Prayagraj News
पूछताछ में चंद्रमा ने बताया कि एक पर्चा आउट करने पर उसे करीब छह लाख रुपये मिलते थे।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का फरार मास्टर माइंड चंद्रमा यादव भी गिरफ्तार हो गया है। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोमवार दोपहर अभियुक्त को कंपनी बाग के पास से गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से मोबाइल, पैसा और आधार कार्ड बरामद हुए हैँ। चंद्रमा यादव पुत्र बर्फी लाल धूमनगंज थाना क्षेत्र के टीपी नगर गंगा बिहार कॉलोनी का रहने वाला है। वह स्कूल प्रबंधक भी है। 

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कॉलेज का प्रबंधक है पकड़ा गया मास्‍टरमाइंड

एडिशनल एसपी एसटीएफ नीरज पांडेय ने बताया कि टीपी नगर में पंचम लाल आश्रम इंटर कॉलेज है, जिसका संचालन चंद्रमा यादव करता है। लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं का सेंटर उसके स्कूल में होता है। ज्यादा पैसा कमाने के लालच में वह कुछ साल पहले वह ललित त्रिपाठी के जरिए डॉ. केएल पटेल और मायापति से मिला। फिर उसके गिरोह के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करने लगा। चंद्रमा अपने ही स्कूल से प्रतियोगी परीक्षा का पर्चा बाहर निकालकर और फिर फोटो खींचकर उसे वाट्सएप के जरिए केएल पटेल के गिरोह तक पहुंचा देता था। गैंग से जुड़े दूसरे सदस्य सॉल्वरों की मदद से पर्चा हल करते थे और फिर अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस व मोबाइल से बोलकर नकल करवाते थे।

पेपर आउट करवाने में ललित त्रिपाठी की भी अहम भूमिका थी

पेपर आउट करवाने में ललित त्रिपाठी की भी अहम भूमिका रहती थी। सोरांव में जब उसके खिलाफ मुकदमा लिखा गया तो वह फरार हो गया और लखनऊ, इटावा समेत दूसरे शहरों में छिपता रहा। कुछ दिन पहले जब एसटीएफ ने उसके घर पर मुनादी करवाते हुए कुर्की की नोटिस चस्पा की तो परेशान हो गया। मदद की आस में शहर आया तो इंस्पेक्टर केसी राय, अतुल सिंह , एसआइ अनिल कुमार, सिपाही अजय यादव की टीम ने उसे दबोच लिया।

एक पेपर का मिलता था छह लाख

पूछताछ में चंद्रमा ने बताया कि एक पर्चा आउट करने पर उसे करीब छह लाख रुपये मिलते थे। पिछले कुछ सालों में शिक्षक भर्ती समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे आउट किए थे। हालांकि जनवरी 2020 में ही एसटीएफ ने चंद्रमा और उसके कई साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तब भी उस पर पेपर आउट कराने का आरोप था।

सरगना का साला समेत तीन अभी फरार

फर्जीवाड़े में शामिल सरगना डॉ. केएल पटेल का साला फूलपुर निवासी सत्यम पटेल, नवाबगंज का शिवदीप और बहरिया का शैलेष अभी फरार हैं। एसटीएफ का दावा है कि जल्द ही उन्हें भी दबोच लिया जाएगा। इससे पहले सरगना समेत 15 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।


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