Move to Jagran APP

UP Police Sipahi Bharti 2018: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अधिक अभ्यर्थी बुलाने व बिना वैध जाति प्रमाणपत्र के चयन पर मांगी जानकारी

UP Police Sipahi Bharti 2018 उत्तर प्रदेश में पुलिस-पीएसी कांस्टेबल भर्ती-2018 में महिला आरक्षियों के वर्ग में पदों के सापेक्ष ढाई गुना से अधिक अभ्यर्थी बुलाने और बिना वैध जाति प्रमाणपत्र के ओबीसी कोटे में चयन करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 06:36 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 06:36 PM (IST)
UP Police Sipahi Bharti 2018: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अधिक अभ्यर्थी बुलाने व बिना वैध जाति प्रमाणपत्र के चयन पर मांगी जानकारी
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार तथा पुलिस भर्ती बोर्ड से जानकारी मांगी है।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में पुलिस-पीएसी कांस्टेबल भर्ती-2018 में महिला आरक्षियों के वर्ग में पदों के सापेक्ष ढाई गुना से अधिक अभ्यर्थी बुलाने और बिना वैध जाति प्रमाणपत्र के ओबीसी कोटे में चयन करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार तथा पुलिस भर्ती बोर्ड से जानकारी मांगी है। यह आदेश रुचि यादव व अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया है।

loksabha election banner

याची के मुताबिक 2018 भर्ती में महिला आरक्षियों का 31,360 पदों पर चयन होना था। याचियों ने ओबीसी कोटे के तहत आवेदन किया था। लिखित परीक्षा, दस्तावेज सत्यापन आदि में वे सफल रहीं। बताया कि ओबीसी कोटे की कटऑफ मेरिट 182.3272 थी, जिसमें याचीगण सफल थी। अंतिम चरण में शारीरिक दक्षता परीक्षा होनी थी।

बोर्ड ने विज्ञापन की शर्त के अनुसार पहले कुल पदों के सापेक्ष ढाई गुना अभ्यर्थियों को मेरिट के हिसाब से चयन के लिए बुलाया था। शारीरिक दक्षता परीक्षा दिसंबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच हुई। आठ जनवरी 2020 को बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी करके बताया कि योग्य महिला अभ्यर्थियों के न मिलने के कारण अतिरिक्त अभ्यर्थियों को बुलाया जा रहा है। इसके बाद कटऑफ मेरिट नीचे गिराकर 167.3889 कर दी गई।

दो मार्च 2020 को अंतिम चयन परिणाम जारी हुआ जिसमें याचियों का चयन नहीं हुआ। याचियों का कहना है कि जब वह इससे ऊपर की कटऑफ मेरिट में चयनित थीं तो मेरिट नीचे लाने के बाद उनको किस प्रकार से चयन बाहर कर दिया गया? इसमें कई ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है, जिनके पास अप्रैल से दिसंबर 2018 के बीच का ओबीसी जाति प्रमाणपत्र नहीं है। याचिका पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार तथा पुलिस भर्ती बोर्ड से जानकारी मांगी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.