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UP PCS J FINAL RESULT 2018 : सबसे बड़ी भर्ती और जल्द रिजल्ट का बना रिकॉर्ड

यूपीपीएससी ने पीसीएस जे यानी प्रांतीय न्यायिक सेवा में 610 भारी-भरकम पदों के लिए इम्तिहान कराया। उसका साक्षात्कार पूरा होते ही तीसरे दिन रिजल्ट जारी कर दिया गया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 10:31 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 10:31 AM (IST)
UP PCS J FINAL RESULT 2018 : सबसे बड़ी भर्ती और जल्द रिजल्ट का बना रिकॉर्ड
UP PCS J FINAL RESULT 2018 : सबसे बड़ी भर्ती और जल्द रिजल्ट का बना रिकॉर्ड

प्रयागराज, जेएनएन। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने नया कीर्तिमान गढ़ा है। पहली बार पीसीएस जे यानी प्रांतीय न्यायिक सेवा में 610 भारी-भरकम पदों के लिए इम्तिहान कराया गया। उसका साक्षात्कार पूरा होते ही तीसरे दिन रिजल्ट जारी कर दिया गया।

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यूपीपीएससी की ओर से पीसीएस जे की परीक्षा हर साल नहीं हो पा रही है। जब भी आयोग को पदों का अधियाचन मिला तो उसमें गिने-चुने ही पद रहे हैं। मसलन, 2012 में 76, 2013 में 125, 2015 में 197 और 2016 में 218 पदों की परीक्षा कराई गई। 2017 में अधियाचन न मिलने से इम्तिहान नहीं हो पाया। अभ्यर्थी कहते हैं कि ऐसा अक्सर होता आया है।

यही नहीं 2018 की भर्ती के लिए सबसे पहले शासन से 330 पद ही आए थे, जो कुछ माह बाद बढ़कर 386 हो गए थे। उसके बाद और बढ़ोतरी होकर वे पद 610 हुए। आयोग ने दिसंबर 2018 में इसकी प्रारंभिक परीक्षा शुरू कराई और सात माह के अंदर मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार कराकर रिजल्ट घोषित कर दिया। सबसे अहम बात यह है कि इंटरव्यू 17 जुलाई को पूरे हुए और 20 जुलाई को शाम को ही अंतिम रिजल्ट जारी हुआ।

नए अध्यक्ष पहली परीक्षा में पास

यूपीपीएससी में दो जुलाई को नए अध्यक्ष के रूप में डॉ. प्रभात कुमार ने कमान संभाली। उस समय पीसीएस जे भर्ती के साक्षात्कार चल रहे थे। उन्होंने लगातार यहां रहकर इसे पूरा कराया और कम समय में ही परिणाम जारी करा दिया। डॉ. कुमार के आने के बाद छिटपुट कई परिणाम जारी हुए लेकिन, बड़ी भर्ती का यह पहला परिणाम था।

शिकायतें निस्तारित कराकर दिया रिजल्ट

यूपीपीएससी अध्यक्ष डॉ. कुमार को बुधवार को तमाम अभ्यर्थियों ने मिलकर पीसीएस जे परीक्षा 2018 में गड़बड़ी की शिकायतें की थी। उनका कहना था कि मुख्य परीक्षा का परिणाम सही नहीं है। एक ही अनुक्रमांक सीरीज के अभ्यर्थी उत्तीर्ण कर दिए गए हैं, ऐसे में परीक्षा निरस्त की जाए। हालांकि हाईकोर्ट पहले ही अभ्यर्थियों की परीक्षा निरस्त करने की याचिका खारिज कर चुका था। इसके बाद भी डॉ. कुमार ने शिकायतों की गंभीरता से छानबीन कराई और एक-एक प्रकरण को खंगालने व उसे निस्तारित करने के बाद ही परिणाम जारी कराया।


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