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UPPCS परीक्षा-2016 में कानपुर की जयजीत कौर होरा टॉपर, 633 रिक्त पद में 630 भरे

डिप्टी कलेक्टर के 53 डिप्टी एसपी के 52 और 21 खंड विकास अधिकारियों समेत 26 प्रकार की कुल 633 रिक्त पदों के लिए हुई परीक्षा में 630 पद भरे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 09:20 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 10:00 AM (IST)
UPPCS परीक्षा-2016 में कानपुर की जयजीत कौर होरा टॉपर, 633 रिक्त पद में 630 भरे
UPPCS परीक्षा-2016 में कानपुर की जयजीत कौर होरा टॉपर, 633 रिक्त पद में 630 भरे

प्रयागराज, जेएनएन। उप्र लोकसेवा आयोग ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (सामान्य/विशेष चयन) यानी पीसीएस भर्ती 2016 का अंतिम परिणाम कल जारी कर दिया। डिप्टी कलेक्टर के 53, डिप्टी एसपी के 52 और 21 खंड विकास अधिकारियों समेत 26 प्रकार की कुल 633 रिक्त पदों के लिए हुई परीक्षा में 630 पद भरे हैं।

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कानपुर की कौशलपुरी निवासी जयजीत कौर होरा को सर्वोच्च स्थान मिला है, जबकि प्रतापगढ़ के विनोद कुमार पांडेय दूसरे और प्रयागराज नैनी के नवदीप शुक्ल तीसरे स्थान पर रहे। यूपीपीएससी ने पीसीएस 2016 भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा 20 मार्च 2016 को कराई थी। इसमें दो लाख 50 हजार 697 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परिणाम उसी साल 27 मई को आया जिसमें मुख्य परीक्षा के लिए 14 हजार 615 सफल हुए।

मुख्य परीक्षा 20 सितंबर से आठ अक्टूबर 2016 के बीच हुई। परिणाम 16 नवंबर 2018 को जारी किया। यूपीपीएससी ने 1993 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया। साक्षात्कार 10 दिसंबर से 24 जनवरी 2019 तक हुए। इसमें 58 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए नहीं पहुंचे। परीक्षा में 26 प्रकार के 633 रिक्तियों के सापेक्ष 630 पदों पर अंतिम रूप से सफल पाते हुए यूपीपीएससी ने शुक्रवार को वेबसाइट पर परिणाम जारी कर दिया। साथ ही इस परिणाम को यूपीपीएससी कार्यालय के सूचनापट पर चस्पा भी किया गया है। सचिव जगदीश ने बताया कि यह परिणाम शीर्ष कोर्ट में यूपीपीएससी की ओर से दाखिल एसएलपी में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।

टॉप फाइव चयनित

1. जयजीत कौर होरा, कौशलपुरी कानपुर

2. विनोद कुमार पांडेय, असेराही प्रतापगढ़

3. नवदीप शुक्ला, काजीपुर रोड नैनी प्रयागराज

4. प्रखर उत्तम, लंका रोड बिंदकी फतेहपुर

5. सतीश चंद्र त्रिपाठी, झूडिय़ा बरजंग सकरपुर, सिद्धार्थ नगर

टॉपर्स ने कहा-मेहनत रंग लाई

सफलता और मंजिल। यह दोनों शब्द ही ऐसे हैं, जिन्हें पाने के लिए कोई क्या नहीं करता। ऐस में किस्मत को कोसते हुए कोई बैठ जाता है। लेकिन पीसीएस 2016 में प्रदेश में टॉप रैंक हासिल करने वाले चयनितों ने दृढ़ निश्चय और लक्ष्य को साधकर प्रयत्न करने को ही सफलता की असल कुंजी बताया है। टॉपर्स का कहना है कि हार मानना अपने साथ औरों को भी हतोत्साहित करना है।

पहले ही प्रयास में जयजीत बनीं टॉपर 

पहले ही प्रयास में पीसीएस परीक्षा में सर्वोच्च स्थान पाने वाली जयजीत कौर होरा का कहना है कि स्व-अध्ययन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। जो भी पढ़ें उसको कंठस्थ करने का हर उपाय करें।

कोचिंग का सहारा लेना चाहिए। लेकिन, उस पर निर्भर न हों। यही मैंने भी किया और शिक्षकों की दी हुई शिक्षा व परिजनों से मिले आशीर्वाद से आज अपनी मंजिल पाई। 

किसान परिवार के विनोद ने नहीं सीखा हार मानना 

प्रतापगढ़ के रामगढ़ रैला निवासी विनोद कुमार पांडेय को दूसरा स्थान मिला है। इससे पहले 2016 में वे पीसीएस जे परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं और प्रशिक्षण पर हैं। कहते हैं कि मेहनत, लगन और प्रयत्न से सफलता जरूर मिलती है।

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनोद का पीसीएस परीक्षा में यह तीसरा प्रयास था। कहते हैं कि हार मानना उन्होंने नहीं सीखा, क्योंकि इससे दूसरे भी हतोत्साहित होते हैं।

नौकरी के साथ नवदीप ने जारी रखी पढ़ाई 

तीसरे स्थान पर रहे नैनी प्रयागराज के नवदीप शुक्ला ने पांचवें प्रयास में सफलता पाई। फिलहाल वे प्रधान महालेखाकार कार्यालय प्रयागराज में असिस्टेंट ऑडिट अफसर हैं।

नवदीप ने कहा कि उनका सपना तो आइएएस बनना था। लेकिन, अब उनके लिए अवसर खत्म हो चुका है। कहा कि लक्ष्य को साध कर किया गया प्रयास कभी विफल नहीं होता। 

प्रखर ने पूरा किया मां का सपना 

बिंदकी फतेहपुर के रहने वाले प्रखर उत्तम को सूबे में चौथा स्थान मिला है। वे किसान के बेटे हैं। लेकिन, मां शिक्षिका हैं। बताया कि मां का सपना भी प्रशासनिक अफसर बनने का था। लेकिन, वे सफल नहीं हो सके।

उन्होंने कहा कि मां का सपना पूरा किया है। कहा कि उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। प्रयास पूरे मन से और दृढ़ विश्वास के साथ हो तो मंजिल जरूर मिलती है।

एसडीएम बनकर की माने सतीश 

प्रदेश में पांचवां स्थान पाने वाले सिद्धार्थनगर के सतीश चंद्र त्रिपाठी 2005 में पीसीएस में चयनित रहे फिर 2008, 2009 में सफल रहे। 2009 की भर्ती से वे असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर के पद पर कार्यरत हैं।

बताया कि उन्होंने एसडीएम बनने को ही अपना ध्येय बना लिया था। उसी लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करते रहे और आज सफलता मिल गई। 

प्रोविजनल वालों को देने होंगे अभिलेख

अंतिम रूप से सफल घोषित जिन अभ्यर्थियों के नाम के आगे प्रोविजनल शब्द लिखा है उन्हें समय रहते शैक्षिक व दावे से संबंधित अभिलेख यूपीपीएससी में प्रस्तुत करने होंगे नहीं तो उनका अभ्यर्थन/चयन निरस्त हो जाएगा। इस भर्ती की शुरुआत तो अखिलेश यादव सरकार में हुई थी लेकिन, परिणाम योगी सरकार के कार्यकाल में आया है।

नहीं भरी जा सकीं तीन रिक्तियां

पीसीएस भर्ती में जिन तीन पदों के परिणाम घोषित नहीं हुए हैं उनमें सहायक सेवायोजन अधिकारी के लिए अभ्यर्थियों ने वरीयता नहीं भरी थी। इस तरह से यह तीन रिक्तियां खाली ही रह गई हैं। सचिव ने बताया कि इन तीन रिक्तियों को अग्रेनीत किया गया है जिसे अगली भर्ती में शामिल किया जाएगा। 


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