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उद्यमों को प्रोत्साहित करने और समय से भुगतान को सरकार बनाएगी एक्ट Prayagraj News

सरकारी विभागों को अनिवार्य रूप से 25 प्रतिशत सामान इन्हीं एमएसएमई से ही खरीदना अनिवार्य होगा। तीन माह में उत्पादों का भुगतान नहीं हुआ तो आरसी कटेगी मुकदमा दर्ज होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 08:53 AM (IST)
उद्यमों को प्रोत्साहित करने और समय से भुगतान को सरकार बनाएगी एक्ट Prayagraj News
उद्यमों को प्रोत्साहित करने और समय से भुगतान को सरकार बनाएगी एक्ट Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के दिन अब बहुरेंगे। इन उद्योगों का भुगतान नहीं लटकेगा। साथ ही इनका सामान खरीदना भी अनिवार्य होगा और भुगतान में देरी अब निजी के साथ ही सरकारी विभागों को भी भारी पड़ेगी। उन्हें भारतीय रिजर्व बैैंक की निर्धारित बैंक ब्याज दर का तीन गुना ब्याज देना पड़ेगा। बिना वाजिब वजह के भुगतान में देरी पर दोषियों के खिलाफ सजा का प्रावधान भी होगा। भुगतान रोकने वाली संस्थाओं की आरसी कटेगी और जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा भी दर्ज होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार एक्ट में कड़े प्रावधान करने जा रही है।

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सरकारी विभागों को करीब 25 प्रतिशत सामान एमएसएमई उद्यमों से खरीदना होगा

नए एक्ट में यह व्यवस्था की जा रही है कि सरकारी विभागों को अपनी जरूरत का करीब 25 प्रतिशत सामान अनिवार्य रूप से एमएसएमई उद्यमों से खरीदना होगा। तीन माह के अंदर उसका पेमेंट करना होगा। एक्ट में यह व्यवस्था होने पर जिम्मेदार लोगों को न्यायालय से भी राहत नहीं मिल पाएगी। अदालत इस मामले में सजा भी सुना सकेगी। इन उद्यमों के भुगतान संबंधी विवाद उद्योग निदेशक की गठित फैसिलिटेशन काउंसिल सुनेगी।

एमएसएमई का भुगतान रोकने पर कटेगी आरसी, होगा मुकदमा

सबसे अहम यह होगा कि तीन माह के अंदर एमएसएमई के उत्पादों का भुगतान नहीं किया गया तो संबंधित के खिलाफ प्रशासन आरसी काटेगा। बैैंक खाता सीज कराया जा सकता है। मुकदमा भी दर्ज कराने का प्रावधान बनाया जा रहा है। इसके अलावा एमएसएमई के रिवाइवल के लिए प्रदेश में अलग से सेल बनाने की तैयारी की जा रही है, जिससे लघु एवं मझोले उद्यम बंद न हो सकें।

बोले मंत्री सिद्धार्थनाथ, एक्ट से उद्यमों को संकट से उबारा जा सकेगा

प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी व ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कहते हैं कि एमएसएमई उद्यमों के लिए समय पर भुगतान अहम है। समय पर भुगतान न होने से ऐसे उद्योगों पर कुछ ही माह में संकट के बादल मंडराने लगते हैैं। ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार एक्ट बनाने जा रही है। इससे इन उद्यमों को संकट से उबारा जा सकेगा।


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