यूपी चुनाव 2022: बसपा की उम्मीदवारी में महिलाओं से दूरी, प्रयागराज में नहीं दिया एक भी टिकट
बसपा ने विधानसभा चुनाव 2022 में प्रयागराज में उम्मीदवारी के मामले में महिलाओं को दरकिनार कर दिया है। वह भी तब जबकि बसपा प्रमुख खुद एक महिला हैं। प्रयागराज की कुल 12 सीटों में से 11 पर घोषित प्रत्याशियों में एक भी महिला नहीं है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जमाना अब महिलाओं का पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने का है और लगभग सभी क्षेत्र में भागीदारी बढ़ भी रही है तो ऐसे में बसपा ने विधानसभा चुनाव 2022 में महिलाओं को दरकिनार कर दिया है। वह भी तब जबकि बसपा प्रमुख खुद एक महिला हैं। प्रयागराज की कुल 12 सीटों में से 11 पर घोषित प्रत्याशियों में एक भी महिला नहीं है। यह स्थिति तब है जब प्रत्याशियों का चयन करने के लिए जिले में आला पदाधिकारियों से लेकर पार्टी मुख्यालय तक अनुभवी लोगों की भरमार है। इसके चलते महिला आरक्षण की बात भी बेमानी हो गई है।
पूजा पाल दो बार रहीं बसपा विधायक
इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो बहुजन समाज पार्टी ने 2007 और 2012 के चुनाव में शहर पश्चिमी से महिला प्रत्याशी पूजा पाल पर दांव लगाया था और वह चुनाव जीती भी थीं। 2007 में उन्हें सर्वाधिक 56198 और 2012 के विधानसभा चुनाव में 71114 वोट मिले थे। अपने पति राजू पाल की हत्या से उन्हें सहानुभूति तो मिली ही थी, महिला होने के नाते उनके पक्ष में क्षेत्र की महिलाएं भी आ गई थीं। कुछ इसी तरह से 2017 के विधानसभा चुनाव में सोरांव विधानसभा सीट से गीता पासी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया तो उन्होंने भी 60079 वोट खींचे। यह बात अलग रही कि गीता चुनाव जीत नहीं सकीं लेकिन वह दूसरे नंबर तक पहुंच गई थीं। अब 2022 के चुनाव में कहीं से भी महिलाओं को प्रत्याशी न बनाए जाने से बसपा की किरकिरी भी होने लगी है। क्योंकि विगत दिनों पार्टी प्रमुख मायावती ने स्वयं भी चुनाव में महिलाओं के आरक्षण की पैरोकारी की थी।
जिलाध्यक्ष का यह है कहना
बसपा जिलाध्यक्ष बाबूलाल भंवरा कहते हैं कि प्रयागराज न सही, आसपास के जिलों में तो महिलाओं को मौके दिए ही गए हैं। वैसे अभी करछना सीट पर प्रत्याशी तय करना बाकी है। कहा कि महिलाएं प्रत्याशी नहीं बनाई गई हैं इसके पीछे बसपा की कोई पालिसी नहीं है।