UP Board Exam 2020 : परीक्षा केंद्र निर्धारण में मानकों की अनदेखी, कॉलेज संचालक उठा रहे सवाल
केंद्र निर्धारण में सहायताप्राप्त व वित्तविहीन भी ऐसे कॉलेज अनंतिम सूची में हैं जो सारी शर्तें पूरी नहीं करते हैं। इनको जनवरी तक सभी शर्तें पूरी करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 के लिए केंद्रों की अनंतिम सूची जारी हो चुकी है। बोर्ड ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए महज 7761 कॉलेजों को ही परीक्षा केंद्र बनाया है। इन दिनों में जिलों में अंतिम सूची तैयार की जा रही है, डीआइओएस को हिदायत दी गई है कि वे अंतिम सूची में मनमाने तरीके से बदलाव नहीं कर सकेंगे, बल्कि सब कुछ ऑनलाइन करना होगा। इसके बाद भी बोर्ड ने ऐसे कॉलेजों को केंद्र बनाने की सूची में शामिल किया है, जो परीक्षा नीति की सारी शर्तें पूरा नहीं करते हैं। यह कार्य उन कॉलेज संचालकों को नागवार गुजरा है, जो केंद्र बनने के दावेदार रहे हैं। उनका कहना है कि आखिर उन्हें इस तरह का मौका क्यों नहीं दिया गया है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा में केंद्र निर्धारण सबसे बड़ी चुनौती रहा है। पिछले वर्षों में ऐसे कॉलेजों को केंद्र बनाया गया था, जो सारी शर्तें पूरा नहीं करते थे। मसलन, सीसीटीवी कैमरा आदि नहीं लगा था। बोर्ड प्रशासन का दावा है कि ऐसे कॉलेजों में अधिकांश राजकीय विद्यालय रहे हैं, जहां बजट की कमी से यह कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ। वहीं, इस बार सहायताप्राप्त व वित्तविहीन भी ऐसे कॉलेज अनंतिम सूची में हैं जो सारी शर्तें पूरी नहीं करते हैं। बोर्ड के अफसरों ने परीक्षा से पहले यानी जनवरी तक सारी शर्तें पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर अधिकांश कॉलेज संचालक खफा हैं उनका कहना है कि आखिर कुछ कालेजों पर बोर्ड प्रशासन क्यों मेहरबान है? जब बिना मानक के ही केंद्र बना देना था तो उन्हें दरकिनार क्यों किया गया। तमाम अशासकीय सहायताप्राप्त कॉलेज जो पिछले वर्ष केंद्र रहे हैं, उन्हें इस वर्ष मौका नहीं दिया गया है।
संचालकों ने बताया कि लखनऊ जिले में शिवनंदन इंटर कॉलेज छतौनी पिछले वर्षों में परीक्षा केंद्र बनता था, इस बार अनंतिम सूची से गायब है, उसकी जगह निजी कॉलेज को मौका मिला है। संचालकों का यह भी कहना है कि बोर्ड प्रशासन ने वित्तविहीन की संख्या केंद्र निर्धारण में कम की है, लेकिन इतना ही काफी नहीं है आखिर मानकों से समझौता क्यों किया गया है। उधर, बोर्ड के अफसरों ने कहा है कि अंतिम सूची पूरी तरह से पारदर्शी होगी।