यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में आयकर विभाग की होगी अहम भूमिका, जानें इसकी वजह
UP Assembly Election 2022 उम्मीदवार अथवा निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन करने के समय जो शपथ पत्र प्रस्तुत करते हैं चुनाव के बाद उसे जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग के पास भेजा जाता है। उसके आधार पर पांच साल की इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) की जांच की जाती है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 पर आयकर विभाग की भी पैनी नजर रहेगी। इसको लेकर विभागीय सक्रियता बढऩे लगी है। आयकर विभाग की ओर से प्रत्याशियों के प्रस्तुत शपथ पत्रों (हलफनामे) की जांच की जाती है। किसी प्रत्याशी अथवा उसके समर्थकों से पुलिस द्वारा नकदी पकड़े जाने पर उसका भी कई स्तरों पर परीक्षण किया जाता है। गड़बड़ी साबित होने पर कार्रवाई भी की जाती है।
प्रत्याशियों के शपथ पत्रों की जांच आयकर विभाग ही करता है
जितनी भी पार्टियों के उम्मीदवार अथवा निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन करने के समय जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां शपथ पत्र प्रस्तुत करते हैं, चुनाव के बाद सभी शपथ पत्रों को जांच के लिए विभाग के पास भेजा जाता है। उसके आधार पर पांच साल की इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) की जांच की जाती है। अगर किसी प्रत्याशी द्वारा रिटर्न कम दिखाया जाता है तो पूछताछ के साथ रिटर्न जमा कराने के लिए कहा जाता है।
लोकसभा चुनाव में आयकर विभाग कर्मियों की ड्यूटी एयरपोर्ट आदि स्थानों पर लगी थी
सूत्रों का कहना है कि मतदाताओं को लुभाने के लिए अगर किसी प्रत्याशी अथवा उसके समर्थक द्वारा नकदी वितरण करने के लिए जाते समय पुलिस ने पकड़ा तो उस रकम की भी कई स्तरों पर जांच होती है। रकम कहां से आई, किसे देने के लिए ले जाया जा रहा था आदि का परीक्षण करने के बाद कार्रवाई की जाती है। लोकसभा चुनाव में एयरपोर्ट समेत कुछ जगहों पर विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। संभव है कि इस चुनाव में भी उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कर्मचारियों की तैनाती की जाए।