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UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: जिलों में चयन सूची से बाहर होने वाले हैं सैकड़ों अभ्यर्थी

UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 31277 शिक्षक भर्ती की चयन सूची से बाहर होने वाले गिने-चुने अभ्यर्थी नहीं हैं बल्कि उनकी तादाद सैकड़ों में है। लगभग हर जिले में अधिक गुणांक वाले अभ्यर्थी चयन सूची में जगह नहीं बना सके हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:36 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:38 AM (IST)
UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: जिलों में चयन सूची से बाहर होने वाले हैं सैकड़ों अभ्यर्थी
शिक्षक भर्ती की चयन सूची से बाहर होने वाले गिने-चुने अभ्यर्थी नहीं हैं, बल्कि उनकी तादाद सैकड़ों में है।

प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 31277 शिक्षक भर्ती की चयन सूची से बाहर होने वाले गिने-चुने अभ्यर्थी नहीं हैं, बल्कि उनकी तादाद सैकड़ों में है। लगभग हर जिले में अधिक गुणांक वाले अभ्यर्थी चयन सूची में जगह नहीं बना सके हैं। उनमें से अधिकांश ओबीसी व एससी वर्ग के ही हैं। यदि अधिक गुणांक वालों को सूची में शामिल किया जाता है तो सभी जिले के चयनितों में बदलाव होना तय है। यह नौबत इसलिए आई क्योंकि अफसरों ने गुणांक की जगह वर्गवार चयन को महत्व दिया जिसमें मेधावी अभ्यर्थी अनंतिम सूची से बाहर हो गए। 

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69 हजार शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वालों की संख्या 1,46,060 रही। तय पदों के लिए अधिक अभ्यर्थी सफल होने से शिक्षक बनने के लिए उनके चयन का आधार गुणांक बना। गुणांक के आधार पर 67867 अभ्यर्थियों की अनंतिम सूची पहली जून को जारी हुई थी। हालांकि उस समय परिषद के अफसरों ने न तो सूची में शामिल वर्गवार अभ्यर्थियों की संख्या बताई और न किस वर्ग का कितना गुणांक गया यह बताया। सिर्फ सूची के कुल अभ्यर्थियों की संख्या प्रचारित की गई। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग की सुनवाई में इन बिंदुओं पर सवाल उठे थे।

शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर 31661 पदों के लिए बनी चयन सूची में अफसरों ने वर्गवार चयनितों की संख्या घोषित की। लेकिन, किस वर्ग का गुणांक कितना रहा, इस पर पर्दा डाले रहे। 31277 पदों की अनंतिम चयन सूची में सामान्य व आरक्षित वर्ग को लगभग बराबर सीटें बांट दी गईं।

ज्ञात हो कि 15933 सामान्य और 15344 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सूची में शामिल हैं। यह बंटवारा करने में अनारक्षित सीटों पर चयनित ओबीसी व एससी कहीं के नहीं हुए, उन्हें न तो अपने वर्ग में शीर्ष पर जगह मिली और न सामान्य की सीटों पर चयन पा सके। इसीलिए हर जिले में अधिक गुणांक वाले ओबीसी व एससी अभ्यर्थी गलत चयन का आरोप लगा रहे हैं। नियम है कि आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी यदि सामान्य वर्ग के बराबर या अधिक अंक हासिल करता है तो उसका चयन सामान्य वर्ग की सीट पर होगा। ऐसे अभ्यर्थियों की चयन सूची में अनदेखी की गई है। परिषद के अफसर इस संबंध में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।


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