UP 69000 Shikshak Bharti: हाई कोर्ट ने ऑनलाइन आवेदन में संशोधन की अनुमति देने से किया इनकार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में ऑनलाइन आवेदन की त्रुटि सुधारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और चार दिसंबर 2020 के शासनादेश को वैध करार दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में ऑनलाइन आवेदन की त्रुटि सुधारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और चार दिसंबर 2020 के शासनादेश को वैध करार दिया है। हाई कोर्ट ने शासनादेश को विभेदकारी मानने से इनकार करते हुए कहा कि यह नियम 14 के विपरीत नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने पवन कुमार व अन्य याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा, एचएन सिंह, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व मुख्य स्थायी अधिवक्ता विपिन बिहारी पांडेय ने पक्ष रखा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में ही लिखा है कि ऑनलाइन आवेदन की प्रविष्टि अंतिम होगी। उसमें संशोधन की अनुमति नहीं दी जाएगी। चयन क्वालिटी प्वाइंट मार्क से जिला वरीयता मेरिट के आधार पर किया गया है। कोर्ट ने कहा कि यदि भर्ती के बीच में आवेदन में दर्ज प्रविष्टि को दुरुस्त करने की अनुमति दी गयी तो पूरी प्रक्रिया (डिरेल हो) पटरी से उतर जाएगी।
हाई कोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को चार दिसंबर के शासनादेश के अनुसार मूल्यांकन कर कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है। कहा कि लिखित परीक्षा के लिए कुल चार लाख 31 हजार 466 आवेदन आये थे। इसमें चार लाख नौ हजार 530 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे। क्वालिटी प्वाइंट मार्क से एक लाख 46 हजार 60 अभ्यर्थी योग्य घोषित किये गये हैं। यदि निर्देशों का पालन करने में गलती करने वालों को सुधारने की छूट दी गयी तो चयनित अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी होगी।