यूनीफार्म निकले खराब तो प्रधानाध्यापक को भरने पड़ेंगे पैसे Prayagraj News
परिषदीय स्कूलों में वितरित किए जा रहे यूनीफार्म की गुणवत्ता खराब होने पर प्रधानाध्यापक को पैसे देने पड़ेंगे। उन्हें निर्देश दिया गया यूनीफार्म का कपड़ा मानक के अनुसार हो।
By Edited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 07:53 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में वितरित किए जा रहे यूनीफार्म की गुणवत्ता खराब होने की बात अधिकारियों तक पहुंच गई है। जूते-मोजे की आपूर्ति तो शासन स्तर से हो रही है इसलिए उस पर अफसर नहीं बोल रहे हैं लेकिन स्थानीय स्तर से खरीदारी होने की वजह से यूनीफार्म की गुणवत्ता पर अब सभी ध्यान दे रहे हैं। स्कूल के प्रधानाध्यापकों को चेतावनी दी गई है कि खराब कपड़े की वजह से यूनीफार्म बदलने की नौबत आई तो उन्हें खुद पैसे लगाने होंगे।
बोले बीएसए, गुणवत्ता की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
दैनिक जागरण ने विद्यार्थियों को मिले सरकारी मोजे तीन दिन में ही फटने की खबर प्रकाशित की है। बीएसए संजय कुशवाहा ने बताया कि बीइओ (खंड शिक्षा अधिकारी) के जरिए मोजों की गुणवत्ता की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी क्योंकि इसके टेंडर और आपूर्ति शासन स्तर से हो रही है। अलबत्ता यूनीफार्म की गुणवत्ता खराब होने की मिल रही जानकारी को गंभीरता से लिया गया है। गुणवत्ता परखने के लिए गठित जिला स्तरीय समिति में शामिल टेक्सटाइल्स इंजीनियर ने आठ ब्लाक के अलावा शहर के कई स्कूलों में भी जाकर यूनीफार्म के कपड़ों का नमूना लिया है जिसे जांच के लिए भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक, टेक्सटाइल्स इंजीनियर ने कपड़े का नमूना जलाकर देखा और अपने अनुभव से कहा कि कपड़े मानक के अनुसार नहीं है।
खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा
खंड शिक्षा अधिकारी (नगर क्षेत्र) ज्योति शुक्ला ने बताया कि उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों को संदेश भेज दिया है कि यूनीफार्म की खरीद में कपड़े का मानक शासनादेश के अनुसार रहना चाहिए। अगर इसमें लापरवाही की गई और यूनीफार्म बदलने की नौबत आई तो फिर प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे और उन्हें नए यूनीफार्म अपने पैसे से खरीदकर देने पड़ सकते हैं।
बोले बीएसए, गुणवत्ता की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
दैनिक जागरण ने विद्यार्थियों को मिले सरकारी मोजे तीन दिन में ही फटने की खबर प्रकाशित की है। बीएसए संजय कुशवाहा ने बताया कि बीइओ (खंड शिक्षा अधिकारी) के जरिए मोजों की गुणवत्ता की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी क्योंकि इसके टेंडर और आपूर्ति शासन स्तर से हो रही है। अलबत्ता यूनीफार्म की गुणवत्ता खराब होने की मिल रही जानकारी को गंभीरता से लिया गया है। गुणवत्ता परखने के लिए गठित जिला स्तरीय समिति में शामिल टेक्सटाइल्स इंजीनियर ने आठ ब्लाक के अलावा शहर के कई स्कूलों में भी जाकर यूनीफार्म के कपड़ों का नमूना लिया है जिसे जांच के लिए भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक, टेक्सटाइल्स इंजीनियर ने कपड़े का नमूना जलाकर देखा और अपने अनुभव से कहा कि कपड़े मानक के अनुसार नहीं है।
खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा
खंड शिक्षा अधिकारी (नगर क्षेत्र) ज्योति शुक्ला ने बताया कि उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों को संदेश भेज दिया है कि यूनीफार्म की खरीद में कपड़े का मानक शासनादेश के अनुसार रहना चाहिए। अगर इसमें लापरवाही की गई और यूनीफार्म बदलने की नौबत आई तो फिर प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे और उन्हें नए यूनीफार्म अपने पैसे से खरीदकर देने पड़ सकते हैं।
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