चंद्रशेखर आजाद पार्क की दयनीय हालत पर एनजीटी ने दिया अल्टीमेटम Prayagraj News
ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क का जॉगिंग ट्रैक जगह-जगह से उखड़ गया है। वहीं करोड़ों रुपये से बना तालाब सूख चुका है। साफ-सफाई से लेकर शौचालय की हालत भी खराब है।
प्रयागराज, जेएनएन। आजादी की लड़ाई में गौरवशाली इतिहास को समेटे चंद्रशेखर आजाद पार्क की मॉनीटरिंग राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) कर रहा है। एनजीटी के ओवरसाइट कमेटी के चेयमैरन जस्टिस राजेश कुमार ने बताया कि पार्क की हालत को लेकर पीडीए को चेतावनी दी गई है। खासतौर पर तालाब और फव्वारे को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए हैैं, जिसकी रिपोर्ट अधिकरण को भेजी गई है। जल्द ही पार्क की दशा को नहीं सुधारा जाता है तो अधिकरण कड़ा कदम भी उठा सकता है।
विशेष रबर से बना जॉगिंग ट्रैक उखड़ने लगा है
आजाद पार्क में करोड़ों रुपये की लागत से जॉगिंग ट्रैक विशेष रबर से बनाया गया था। इसके जगह-जगह उखडऩे के बाद कई स्थानों पर पैच वर्क कराया गया था। कुछ दिन ट्रैक ठीक था मगर अब फिर यह 80 से ज्यादा स्थानों पर उखड़ गया है। लगभग तीन किमी के इस ट्रैक पर सुबह और शाम तकरीबन 22-23 हजार लोग टहलते हैैं। ट्रैक खराब होने के कारण पार्क में सुबह और शाम टहलने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अहम बात यह है कि पुलिस और प्रशासन के कई अफसर, प्रोफेसर, जनप्रतिनिधि और विभिन्न संगठनों के लोग भी मॉर्निंग वॉक करते हैैं, फिर भी ट्रैक नहीं सुधारा जा रहा है।
तालाब सूखा, फव्वारे बंद
यही नहीं पार्क के सुंदरीकरण के लिए करोड़ों रुपये की लागत से बना तालाब सूख गया है और उसके फव्वारे भी लगभग एक साल से बंद है। साफ-सफाई की हालत भी खराब है। स्वयंसेवी पार्क में रोज सफाई न करें तो चारो ओर गंदगी के फैलने की आशंका बनी रहती है। यही नहीं शौचालयों की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है। पार्क से गुजरे नाले से निकलने वाले दुर्गंध से लोगों का सांस लेना तक मुहाल रहता है।
आजाद पार्क की मॉनीटरिंग एनजीटी कर रहा
आजादी की लड़ाई में गौरवशाली इतिहास को समेटे आजाद पार्क की मॉनीटरिंग राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) कर रहा है। एनजीटी के ओवरसाइट कमेटी के चेयमैरन जस्टिस राजेश कुमार ने दैनिक जागरण को बताया कि पार्क की हालत को लेकर पीडीए को चेतावनी दी गई है। खासतौर पर तालाब और फव्वारे को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए हैैं, जिसकी रिपोर्ट अधिकरण को भेजी गई है। जल्द ही पार्क की दशा को नहीं सुधारा जाता है तो अधिकरण कड़ा कदम भी उठा सकता है।
बोलीं उद्यान अधीक्षक
इस संबंध में उद्यान की अधीक्षक सीमा सिंह राणा का कहना है कि बजट आने पर मरम्मत कार्य कराए जाएंगे।