कड़ाके की ठंड बेजुबानों के लिए मुसीबत, प्रयागराज में मर गए दो हजार मवेशियों के बच्चे
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गलन बढ़ने से दो दिन में दो हजार से अधिक मवेशियों के बच्चों की जान जा चुकी है। इनमें भैस के 800 गाय 600 सुअर के 300 बच्चे शामिल हैं। साथ ही भेड़ के 100 और बकरी के 200 बच्चे मर चुके हैं।
वीरेंद्र द्विवेदी, प्रयागराज। बारिश के बाद तेजी से गलन बढ़ी है। तेज हवा ने मुश्किल को और बढ़ा दिया है। इससे इंसान ही नहीं जानवरों के सामने भी जीवन का संकट खड़ा हो गया है। रविवार को अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री और न्यूनतम पारा 6.6 डिग्री रिकार्ड किया गया। अभी गलन और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
शरीर के तापमान से बाहर का ताममान कम होने से मर रहे बच्चे
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गलन बढ़ने से पिछले दो दिनों में दो हजार से अधिक मवेशियों के बच्चों की जान जा चुकी है। इनमें भैस के 800, गाय 600, सुअर के 300 बच्चे शामिल हैं। इसी क्रम में भेड़ के 100 और बकरी के 200 बच्चे मर चुके हैं। सर्दी के कारण गंगापार के इलाकों में सबसे अधिक मवेशियों के बच्चे मरे हैं। गंगापार में 1300 और यमुनापार में लगभग 700 बच्चे पैदा होने के चंद घंटों के भीतर सर्दी के कारण काल कवलित हो गए। जो बच्चे जीवित भी हैं वह लकवा के शिकार हो सकते हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आरपी राय ने बताया कि दो दिनों से गलन बढ़ी है। ऐसे में मवेशियों पर इसका खराब असर पड़ रहा है। पैदा होने के बाद बच्चों के शरीर का तापमान अचानक गिर जा रहा है जिससे मृत्यु हो रही है।
वरिष्ठ चिकित्सक डा. बलराम चौरसिया ने बताया कि गाय, भैस के शरीर का तापमान 101 डिग्री फारेनहाइट रहता है। वहीं बकरी का 103 डिग्री फारेनहाइट के आसपास रहता है। इस समय वातावरण का तापमान दस से छह डिग्री सेल्सियस के आसपास है। ऐसे में जन्म लेने के उपरांत एकाएक बच्चों का तापमान गिर रहा है जिससे इनकी मृत्यु हो रही है।
इस तरह से करें मवेशियों की सुरक्षा
- पशुशाला की फर्श पर सूखी पत्ती या पुआल बिछाए
- पशु को रात्रि के समय खुले में न रखें
- शरीर पर गर्म कपड़ा या बोरा डाल दें
- पशु के पास आग जलाकर कर बैठें।
- पशु को भूखा न रखें।
- दूध दे रहे पशु को दैनिक खुराक के साथ एक किलो राशन अतिरिक्त में दें।
2017 की गणना के अनुसार पशुओं की संख्या
2017 की जनगणना के अनुसार जिलों में गोवंश की संख्या 5.60 लाख और भैस 8.17 लाख, बकरी 3.34 लाख, भेड़ 1.82 लाख, सुअर 12973 है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद पशुपालन विभाग 2022 में फिर गणना कराने की तैयारी में है। इसमें संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।