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UP Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में की दो शिक्षक भर्ती, दोनों में मेधावी चयन सूची से बाहर

यूपी के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक चयन की दो भर्तियां हुईं और दोनों में चयन सूची से मेधावी बाहर हो गए। दोनों में अंतर इतना है कि पिछली भर्ती में बाहर होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी सामान्य और ओबीसी वर्ग के थे जबकि इस बार ओबीसी व एससी अभ्यर्थी हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 09:50 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 09:50 AM (IST)
UP Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में की दो शिक्षक भर्ती, दोनों में मेधावी चयन सूची से बाहर
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में की दो शिक्षक भर्ती

प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। अजीब संयोग है कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक चयन की दो भर्तियां हुईं और दोनों में चयन सूची से मेधावी बाहर हो गए। दोनों में अंतर इतना है कि पिछली भर्ती में बाहर होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी सामान्य और ओबीसी वर्ग के थे, जबकि इस बार ओबीसी व एससी अभ्यर्थी बहुतायत में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में प्रकरण आने से पिछली बार चयन से बाहर होने वालों को कुछ दिन बाद नियुक्ति पत्र मिल गया था लेकिन, इस बार अभ्यर्थी न्याय मिलने की राह देख रहे हैं।

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बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का चयन शैक्षिक मेरिट से होता रहा है। योगी सरकार ने चयन के लिए लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया। पहली भर्ती 68500 की हुई, अगस्त 2018 में लिखित परीक्षा में 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। सभी से आनलाइन जिला वरीयता ली गई, उस समय 843 ने आवेदन ही नहीं किया था। अनंतिम चयन की सूची में 34660 अभ्यर्थी शामिल थे, जबकि 6127 को बाहर कर दिया गया था। इतने अभ्यर्थी बाहर होने की वजह यह रही कि चयन भर्ती के कुल पदों 68500 की जगह लिखित परीक्षा में सफल 41556 के आधार पर किया गया था। मुख्यमंत्री को इस गड़बड़ी की भनक लगी तो उन्होंने बाहर हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने का निर्देश दिया था।

अब 69000 शिक्षक भर्ती में भी ठीक वैसे ही हालात हैं। 31277 पदों की अनंतिम चयन सूची में ओबीसी व एससी के वे अभ्यर्थी शामिल नहीं है, जिनका चयन अनारक्षित सीटों पर हुआ था। उनके गुणांक से कम वालों को ओबीसी व एससी वर्ग में चयनित किया गया है। यह जरूर है कि परिषद के अफसर कुल पदों पर ओवरआल तय आरक्षण देने का दावा कर रहे हैं। इसीलिए आधे पद सामान्य वर्ग व बाकी पद आरक्षित अभ्यर्थियों को दिए गए हैं। चयन सूची से बाहर अधिक गुणांक वाले अभ्यर्थियों को अब 17 नवंबर का इंतजार कर रहे हैं, जब एनआइसी की रिपोर्ट आएगी कि आखिर वह कैसे बाहर कर दिए गए। ज्ञात हो कि हाई कोर्ट संजय कुमार यादव की याचिका पर अधिक गुणांक वालों को बाहर करने की सुनवाई कर रहा है।


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