बालसन चौराहे पर हुए बवाल में छात्रनेता समेत दो गिरफ्तार
शांति मार्च निकालने के दौरान बालसन चौराहे पर हुए बवाल के मामले में छात्रनेता समेत दो गिरफ्तार हुए हैं। कर्नलगंज पुलिस ने दबिश देकर देर रात गिरफ्तार किया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आने से रोकने को लेकर मंगलवार दोपहर बालसन चौराहे पर बवाल हुआ था। इस मामले में सीएमपी डिग्री कॉलेज के छात्रसंघ उपाध्यक्ष राशिद और गौरव नामक छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कर्नलगंज पुलिस ने दोनों देर रात दबिश देकर पकड़ा। बाकी आरोपितों की तलाश चल रही है। बवाल के मामले में सपा सांसद, प्रदेश अध्यक्ष समेत 296 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। पथराव में एसएसपी समेट कई पुलिस कर्मी जख्मी हुए थे।
अखिलेश को रोकने पर अखाड़ा परिषद खफा
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लखनऊ में रोके जाने से उनके कार्यकर्ता ही नाराज नहीं हैं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी गहरी नाराजगी जताई है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अखिलेश उनके कार्यक्रम में एक भक्त की तरह शरीक होने आ रहे थे। उन्हें रोकने से परिषद के संतों को तकलीफ हुई है। उन्होंने कहा कि मठ बाघंबरी गद्दी में प्रतिवर्ष अचला सप्तमी पर भंडारा होता है, जिसमें मुलायम सिंह के परिवार से कोई न कोई सदस्य शामिल होता है। इस बार अखिलेश इसमें शामिल होने आ रहे थे। वह राजनेता नहीं, एक भक्त के रूप में आ रहे थे। हर राजनीतिक दल के लोग हमसे मिलकर आशीर्वाद लेते हैं। अगर प्रशासन को उन्हें विश्वविद्यालय में जाने से रोकना था तो रोक देते, लेकिन प्रयागराज में ही आने से नहीं रोकना चाहिए था।
ऐसे लोगों की हिमायत नहीं करनी चाहिए : सुबोध सिंह
उधर, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुबोध सिंह ने महंत नरेंद्र गिरि के इस बयान पर कहा कि किसी संत को ऐसे लोगों की हिमायत नहीं करनी चाहिए, जिसका परिवार अयोध्या में राममंदिर बनवाने के लिए गए कारसेवकों पर गोली चलवाता हो। उन्होंने कहा कि संतों को राजनीति से दूर रहना चाहिए।