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कौशांबी में अवैध सैनिटाइजर फैक्ट्री चला रहे दो गिरफ्तार

कौशांबी में एक मकान से दो युवकों को पकड़ा गया। साथ ही मौके से करीब 12 लाख रुपये कीमत का 11 सौ लीटर आइसो प्रोफाइट अल्कोहल समेत अन्य केमिकल बरामद किया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 07:45 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 07:45 PM (IST)
कौशांबी में अवैध सैनिटाइजर फैक्ट्री चला रहे दो गिरफ्तार
कौशांबी में अवैध सैनिटाइजर फैक्ट्री चला रहे दो गिरफ्तार

 प्रयागराज, जेएनएन। पडोसी जनपद कौशांबी में कोरोना संकट काल में लोग महामारी के डर का भी फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे हैैं। पूरामुफ्ती क्षेत्र के मादपुर गांव में पखवारा भर से चोरी-छिपे संचालित सैनिटाइजर फैक्ट्री का औषधि निरीक्षक और पुलिस टीम ने छापा मारकर भंडाफोड़ किया। मौके से सैनिटाइजर बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल व उपकरण बरामद हुए। दो लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने रिपोर्ट लिखकर आरोपितों को कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेजा गया।

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12 लाख रुपये कीमत का सैनिटाइजर बरामद

मादपुर निवासी संजीव कुमार पुत्र रामशंकर का मकान सड़क किनारे है। लगभग 15 दिन से इस मकान को दो लोगों ने किराए पर ले रखा था। दोनों युवक कमरे में चोरी-छिपे केमिकल के जरिए सैनिटाइजर बनाते थे। सल्लाहपुर चौकी प्रभारी संजय सिंह परिहार को मुखबिर से इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने मंगलवार को औषधि निरीक्षक गोविंद लाल गुप्ता और राहुल कुमार की मदद ली और पुलिस फोर्स के साथ मादपुर गांव पहुंच गए। चौकी प्रभारी के मुताबिक मकान से दो युवकों को पकड़ा गया। साथ ही मौके से करीब 12 लाख रुपये कीमत का 11 सौ लीटर आइसो प्रोफाइट अल्कोहल समेत अन्य केमिकल बरामद किया गया। आरोपितों ने अपना नाम मोहम्मद अफजाल पुत्र अफसार अहमद निवासी नीम सराय मुंडेरा धूमनगंज प्रयागराज व अमित सिंह पुत्र गुलाब सिंह निवासी पहाड़पुर मऊ चित्रकूट के रूप में बताया। दोनों आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वह केमिकल के प्रयोग से सैनिटाइजर बनाते हैं और शीशी में हाइजिन नाम का रैपर लगाकर बेचते थे।

प्रयागराज में भी की जाती थी सप्लाई

पूरामुफ्ती के मादपुर में पकड़े गए नकली सैनिटाइजर कारखाना में सौ और दो सौ ग्राम की बोतलों की पैङ्क्षकग की जाती थी। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह मूरतगंज, मनौरी, चरवा समेत प्रयागराज के मुंडेरा, धूमनगंज और नैनी में सप्लाई करते थे। आरोपित अमित ने बताया कि वह पहले अकेले ही नकली वाङ्क्षशग पाउडर बनाता था। चार माह पहले सैनिटाइजर बनाने वाले अफजाल से मिलने के बाद दोनों अवैध कारोबार को एक जगह कर एक दूसरे के ग्राहकों को आपूर्ति करने लगे। इससे लेबर के साथ- साथ मकान का किराया भी बचने लगा था। ड्रग इंस्पेक्टर राहुल कुमार का कहना है कि बगैर लाइसेंस के सैनिटाइजर बनना अवैध है। पूरे प्रकरण की जांच हो रही है। विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


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