युवाओं में छा गया ऑनलाइन पढ़ाई का ट्रेंड
ई-लर्निग, बेंडेड लर्निग का सबसे बड़ा फायदा यह हो रहा है कि किफायती खर्चे में अच्छी शिक्षा दी जा रही है।
प्रयागराज : लाइब्रेरी जाकर किताबों के पन्ने पलट-पलटकर घंटों पढ़ना और घर पर बच्चों के लिए ट्यूटर बुलाने का प्रचलन अब कम हो रहा है। इसकी जगह अब एंड्रॉयड मोबाइल और लैपटॉप या कंप्युटर ले रहा है। इंटरनेट की सुलभ सुविधा, सस्ता डाटा पैक इस ट्रेंड का बढ़ावा दे रहा है। इसी के चलते मौजूदा दौर में युवाओं में ऑनलाइन पढ़ाई का ट्रेंड छा गया है।
ऑनलाइन क्लासरूम, स्मॉल ऑनलाइन कोर्स, ऑनलाइन लर्निग तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है। अब चाहे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राएं हों या अपने सेलेबस की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी, वह ऑनलाइन पढ़ाई को तरजीह दे रहे हैं। इंटरनेट पर मौजूद ऑनलाइन हजारों किताबें भी स्टूडेंट्स के लिए मददगार साबित हो रही हैं। खास बात यह है कि यह ट्रेंड मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के बच्चों में भी छा रहा है। तमाम ऐसे भी परिवार हैं जो कोचिंग या ट्यूटर की बढ़ती फीस वहन नहीं कर पाते हैं। इस कारण उनके बच्चे मोबाइल के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं। ई-लर्निग, बेंडेड लर्निग का सबसे बड़ा फायदा यह हो रहा है कि किफायती खर्चे में अच्छी शिक्षा दी जा रही है। ढेर सारे मोबाइल एप :
ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ढेर सारे मोबाइल एप मौजूद हैं। अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामान्य ज्ञान जैसे दूसरे विषय से संबंधित एप हैं, जिसे बच्चे और युवा अपनी जरूरत के अनुसार डाउनलोड कर रहे हैं। मोबाइल में ही परीक्षा के लिए नोट्स बनाने के लिए एवरनोट जैसे कई एप उपलब्ध हैं। ऑनलाइन पढ़ाई का ट्रेंड बहुत ही अच्छा है। लेकिन स्टूडेंट्स किस तरह का कंटेंट पढ़ रहे हैं, यह जानना बहुत जरूरी है। लर्निग मैनेजमेंट के साथ ही सही-गलत की पहचान करना चाहिए। बेंडेड लर्निग में ऑडियो, वीडियो भी शामिल है, लेकिन किसके दिमाग में कितना ठहराव होता है यह भी आवश्यक है। सर्च इंजन को मॉरल वैल्यू भी बढ़ाना होगा।
- डॉ. अनुरिका वैश्य, एसोसिएट प्रोफेसर, ट्रिपल आइटी