'उड़कर' प्लेटफार्म को पार कर जाएंगी ट्रेनें, जानें कैसे
देश के 250 स्टेशनों पर ट्रेन फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इसमें एनसीआर के दर्जनभर स्टेशनों पर कार्य होना है। इससे ट्रेनों की लेटलतीफी कम हो जाएगी।
प्रयागराज : भीड़-भाड़ वाले चौराहों पर जाम न लगे, इसके लिए फ्लाईओवर बनाए जाते हैं। ठीक उसी तर्ज पर रेलवे ट्रैक के चौराहों पर फ्लाईओवर बनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इसके बनने पर रेलवे स्टेशनों के पास आउटर पर ट्रेनों को घंटों खड़ी नहीं रहना पड़ेगा। संबंधित स्टेशनों पर जिन ट्रेनों का स्टापेज नहीं रहता वह प्लेटफार्म पर न आकर फ्लाईओवर से निकल जाएंगी। इससे ट्रेनों की लेटलतीफी भी कम होगी।
वीआइपी ट्रेनों के कारण अन्य गाडिय़ां आउटर पर घंटों खड़ी रहती हैं
यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रेनों में लगातार इजाफा हो रहा है। ट्रेनों के बढऩे से ट्रैक की व्यस्तता भी बढ़ रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत रेलवे स्टेशनों पर होती है, जहां ट्रेनों का आवागमन अधिक है। रेल प्रशासन पहले वीआइपी ट्रेनों को तरजीह देता है। राजधानी, सुपर फास्ट ट्रेनों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने एवं स्टेशन से रवाना करने के लिए दूसरी गाडिय़ों को आउटर पर घंटों खड़ी करा देता है। इससे यात्रियों को दिक्कत झेलनी पड़ती है।
ट्रेनों की लेटलतीफी खत्म करने को ढाई सौ स्टेशन चिह्नित
ट्रेनों की इस लेटलतीफी को खत्म करने के लिए देश के 250 रेलवे स्टेशनों पर रेल फ्लाईओवर बनाने की तैयारी चल रही है। रेलवे बोर्ड ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इस योजना में इलाहाबाद, कानपुर, आगरा, झांसी, पं. दीनदयाल उपाध्याय सहित उत्तर मध्य रेलवे के 12 स्टेशन शामिल हैं। फ्लाईओवर बनने से ट्रेनें आउटर पर रुके बगैर स्टेशन पास कर सकेंगी। जहां ट्रैक क्रास ओवर होता है वहां फ्लाइओवर बनाकर ट्रेन को सीधे स्टेशन पार कराया जाएगा। उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अमित मालवीय का कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर फ्लाईओवर बनाने से ट्रेन परिचालन में काफी सुधार आएगा।
मिलेगी यह सहूलियत
रेलवे स्टेशनों पर फ्लाईओवर बनने से ट्रेनों के परिचालन में सुधार आएगा। अक्सर देखा जाता है कि राजधानी सहित कुछ ऐसी ट्रेनें होती हैं, जिनका स्टापेज संबंधित स्टेशन पर नहीं होता। उन्हें ट्रैक खाली मिले और वह आसानी से स्टेशन पार कर सकें, इसके लिए वहां से गुजरने वाली ट्रेनों को आउटर पर रोका जाता है। जब वीवीआइपी ट्रेनें निकल जाती हैं तो दूसरी ट्रेनों को सिग्नल देकर स्टेशन पर लाया जाता है। यह समस्या लगभग हर स्टेशन पर रहती है। फ्लाईओवर बनने के बाद स्टेशन पर न रुकने वाली ट्रेनें फ्लाईओवर से निकल जाएंगी। इससे अन्य ट्रेनें बिना अवरोध के प्लेटफार्म पर पहुंच सकेंगी।