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ऑनलाइन संवाद में व्‍यापारियों ने कहा, व्यापार में छूट और उन्‍हें सहूलियत मिलनी चाहिए Prayagraj News

सरकार को व्यापार का दायरा थोड़ा बढ़ाना चाहिए। व्यापारियों को छूट दी जाए। व्यापारियों का पैसा व्यापार में लगा होता है। अब जीवन का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 02:32 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 05:16 PM (IST)
ऑनलाइन संवाद में व्‍यापारियों ने कहा, व्यापार में छूट और उन्‍हें सहूलियत मिलनी चाहिए Prayagraj News
ऑनलाइन संवाद में व्‍यापारियों ने कहा, व्यापार में छूट और उन्‍हें सहूलियत मिलनी चाहिए Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन से व्यापार ठप है। व्यापारियों की कमर एकदम टूट गई है। ऐसे में अब उन्हें अपने कारोबार चलाने में छूट और सरकार की ओर से उन्हें सहूलियत नहीं दी गई तो उनके लिए परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल हो जाएगा। व्यापारियों की चिंता यह है कि उन्हें अपने कर्मचारियों का वेतन, बिजली का बिल, लोन की किस्त और टैक्स भी अदा करना है। इन परिस्थितियों में दिन में कुछ घंटे अथवा कुछ सेक्टरों के कारोबार को अल्टरनेट खोलने की अनुमति मिलने की उम्मीद व्यापारी लगाए बैठे हैं। वह चाहते हैं कि आइटी, मोबाइल, स्टेशनरी जैसे कारोबार को बहाल किया जाए, क्योंकि बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी यह बहुत जरूरी है। दरअसल, व्यापारियों ने शुक्रवार को दैनिक जागरण से ऑनलाइन अपनी बातें साझा कीं। पेश है उनकी बातचीत के अंश।

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कारोबार का बढ़ाया जाए दायरा

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिला कोषाध्यक्ष अमिताभ गौड़ का कहना है कि लॉकडाउन से व्यापार ठप है। कर्मचारियों को सरकार ने वेतन देने के लिए कहा है। व्यापारी इसको लेकर दबाव में हैं कि उन्हें कर्मचारियों का वेतन, बिजली का बिल एवं अन्य देनदारियां देनी हैं। सरकार को व्यापार का दायरा थोड़ा बढ़ाना चाहिए। व्यापारियों को छूट दी जाए। व्यापारियों का पैसा व्यापार में लगा होता है। अब जीवन का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।

दवाओं की हो रही कमी

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के रीजनल सेक्रेटरी प्रेम कुमार अग्रवाल का कहना है कि करीब 60-70 फीसद दवाएं लखनऊ और 25-30 प्रतिशत वाराणसी से आती हैं। लेकिन दोनों जिलों से करीब एक सप्ताह से दवाओं की आपूर्ति ठप है।  इससे डायबिटीज समेत कई दवाओं की कमी हो गई है। दवा फैक्ट्रियां खुल गई हैं, लेकिन रॉ मैटेरियल और मजदूरों के न मिलने से दिक्कतें हैं। दवाओं के ट्रांसपोर्ट के लिए सरकार सरल प्रावधान करे।

सरकार टैक्स में दे रियायत

प्रयागराज आइटी एंड सीसीटीवी वेलफेयर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अरुण जायसवाल का कहना है कि व्यापारियों को अपने कर्मचारियों का वेतन देना है। बिजली का बिल दुकान का टैक्स भी देना है। सभी व्यापारी परेशान हैं। इसलिए सरकार टैक्स में रियायत दें अथवा उनके कल्याण के लिए कुछ प्लान लेकर आए तो व्यापारियों को कुछ राहत मिलेगी और आगे व्यापार करने की स्थिति में होंगे।

ईएमआइ किश्त की ब्याज हो माफ

सिविल लाइंस व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष आशीष अरोड़ा का कहना है कि सरकार ने लोन की ईएमआइ किश्त जमा करने के लिए तीन महीने की छूट तो दे दी है लेकिन उस पर व्यापारियों को ब्याज तो देना ही पड़ेगा। इसलिए सरकार ब्याज को माफ कर दें। व्यापारियों का माल गोदाम में भरा है मगर उनके पास पैसा नहीं है। वह कर्मचारियों का वेतन कैसे देंगे। घंटे-दो घंटे सभी दुकानें खुलने की छूट मिलनी चाहिए।

सस्ते ब्याज पर कारोबारियों को मिले ऋण

कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष विभू अग्रवाल का कहना है कि बहुत से व्यापारियों का पैसा उधारी में फंसा है। जो कैश था वह कर्मचारियों के वेतन और परिवार का खर्च चलाने में खत्म हो गया। इसलिए सरकार को चाहिए कि व्यापारियों को सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराए। इससे व्यापारियों की स्थिति में भी सुधार होगा और अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी। वक्त के हिसाब से लॉकडाउन का निर्णय उचित है।

कुछ प्रावधानों के साथ खुले बाजार

खुल्दाबाद-हिम्मतगंज संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन वन तो व्यापारियों ने झेल लिया लेकिन लॉकडाउन टू में व्यापार ठप होने से व्यापारियों की कमर टूट गई है। बिल्डिंग मैटेरियल का काम एकदम बंद है। कुछ सुविधाएं मिले और कुछ प्रावधानों के साथ बाजार खुले। इस संबंध में सरकार द्वारा तीन मई तक कुछ रास्ता बनाए जाने की उम्मीद है।


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