Top Prayagraj News of the day, 3 November 2019 : हाईवे पर डंपर से कुचलकर बाइक सवार मदरसे के तीन छात्रों की मौत
डंपर की टक्कर से बाइक सवार मदरसे के तीन छात्रों की मौत हाे गई। नजूल भूमि का सर्वे करने गए अधिकारियों का लोगों ने विरोध किया। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर डाला छठ का समापन किया।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में हाईवे पर डंपर की टक्कर से मदरसे के तीन छात्रों ने दम तोड़ दिया। वहीं सिविल लाइंस में नजूल भूमि के नाप-जोख को गए अधिकारियों को वहां रहने वाले लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। इसी क्रम में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर देकर महिलाओं ने डाला छठ व्रत का समापन किया। इस दौरान गंगा और यमुना के घाटों पर आस्थावानों की भीड़ जुटी।
हाईवे पर डंपर से कुचलकर बाइक सवार मदरसे के तीन छात्रों की मौत
प्रतापगढ़ में प्रयागराज-अयोध्या हाईवे पर मानधाता मोड़ पर बस स्टॉप के निकट डंपर की टक्कर से मदरसे के तीन छात्रों की मौत हो गई। हादसा रविवार की सुबह हुआ। वह दारापुर मदरसा प्रतापगढ़ की तरफ जा रहे थे। पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया। छात्रों की पहचान मोहम्मद साहबान पुत्र फतेह मोहम्मद निवासी छत्ता का पुरवा प्रतापगढ़, मोहम्मद फरहाद पुत्र इमरान नरसिंहगढ़ थाना मांधाता और मोहम्मद शान जिला लखीमपुर के रूप में हुई। वह सभी युवक थे। हादसे के बाद डंपर लेकर चालक फरार हो गया।
नजूल प्लाट का सर्वे करने पहुंचे अफसर, विरोध में किया रास्ताजाम
सिविल लाइंस के थार्नहिल रोड पर नजूल प्लाट का सर्वे करने गए नगर निगम और प्रयागराज विकास प्राधिकरण अफसरों और कर्मचारियों का यहां रहने वालों ने विरोध किया। लोगों ने अफसरों और कर्मचारियों को घेर कर हंगामा किया। थार्नहिल रोड पर रास्ताजाम भी किया। इसकी वजह से धोबीघाट चौराहा से लोकसेवा आयोग चौराहा, हाथी पार्क चौराहा तक वाहनों की कतार लग गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने लोगों को समझाकर जाम खुलवाया। लोगों को प्लाट पर बने घरों को तत्काल खाली करने का आदेश दिया गया है।
व्रती महिलाओं ने उदयाचल सूर्य को अर्घ्य दिया, डाला छठ का समापन
चार दिवसीय डाला छठ महापर्व का रविवार की सुबह समापन हुआ। गंगा और यमुना के जल में खड़ी होकर व्रती महिलाओं ने उदयाचल सूर्य को अर्घ्य दिया। विधिवत पूजन-अर्चन कर समृद्ध और खुशहाली की कामना भी की गई। इस दौरान संगम समेत गंगा और यमुना नदी घाटों पर मेले जैसा दृश्य रहा। छठ महापर्व के तीसरे दिन कुछ इसी भक्ति भाव से लोगों ने स्नान किया फिर कमर तक जल में खड़े रहकर उदयाचल सूर्यदेव की उपासना की।