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जिले के 36 थाना, 16 दफ्तर में महिला शौचालय ही नहीं

ताराचंद्र गुप्ता, इलाहाबाद : जिले के 36 थानों और करीब 16 से अधिक पुलिस दफ्तरों में महिला शौ

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 02:56 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 02:56 AM (IST)
जिले के 36 थाना, 16 दफ्तर में महिला शौचालय ही नहीं
जिले के 36 थाना, 16 दफ्तर में महिला शौचालय ही नहीं

ताराचंद्र गुप्ता, इलाहाबाद : जिले के 36 थानों और करीब 16 से अधिक पुलिस दफ्तरों में महिला शौचालय ही नहीं है। जी हां। यह जानकार आपको अचरज होगा, लेकिन बिल्कुल हकीकत है। महिला सशक्तीकरण, वूमेन पॉवर लाइन की बात करने और एंटी रोमियो स्क्वॉड चलाने वाले पुलिस महकमे की यही सच्चाई है। इससे विभाग की ही महिला पुलिसकर्मियों को शौचालय के लिए परेशानी से गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं फरियाद लेकर थाना और कार्यालय पहुंचने वाली महिलाओं को भी इस दिक्कत से गुजरना पड़ता है। इस समस्या से निजात के लिए एसएसपी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर शौचालय बनाने की बात कही है।

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जनपद के शहर, गंगापार और यमुनापार में कुल 39 पुलिस थाने हैं। इसमें एक महिला थाना भी है। जबकि चार एडिशनल एसपी, 12 क्षेत्राधिकारी तैनात हैं। अलग-अलग स्थानों पर उनके दफ्तर हैं। ऐसे और भी कई ऑफिस हैं, जहां महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती है। किसी भी दफ्तर में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की सुविधा नहीं है। ऐसे में लगभग 10 से 12 घंटे तक ड्यूटी करने वाली महिला पुलिसकर्मियों को शौचालय के लिए जतन करना पड़ता है। पुरुष शौचायल का उपयोग करते वक्त एक महिला सिपाही को पहरेदार के रूप में बाहर खड़ी रहना पड़ता है। यह समस्या अब और ज्यादा हो गई है, क्योंकि अब सभी थानों पर जनसुनवाई के लिए दो-दो महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। दूर-दराज क्षेत्र से समस्या लेकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाने आने महिलाओं को शौचालय के लिए ओट तलाशनी पड़ती है। इलाहाबाद जैसा ही जोन के लगभग सभी आठ जिलों का भी अमूमन यही हाल है। ऐसे में पुलिस की इस व्यवस्था से महिला सशक्तीकरण के लिए उठाए जाने वाले कदम पर सवाल उठते हैं।

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महिला दिवस पर दिया था फीडबैक

डीजीपी के आदेश पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला सशक्तीकरण पर जिले में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था। पुलिस लाइन सभागार में आइजी रमित शर्मा, एसएसपी आकाश कुलहरि, एएसपी विनीत जायसवाल के सामने महिला पुलिस कर्मियों ने बताया था कि थाने और दफ्तर में महिला शौचालय न होने से उन्हें कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महिला उपनिरीक्षक और आरक्षियों ने अपने फीडबैक में यह भी कहा था थाने पर फरियाद लेकर आने वाली महिलाओं को भी काफी परेशानी होती है।

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नगर निगम ने बनवाए पिंक टॉयलेट

एक तरफ पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव-गांव तक शौचालय बनाने पर जोर दिया जा रहा है। दूसरी तरफ पुलिस विभाग इससे पूरी तरह अछूता है। ऐसे में योजना के सरोकार को लेकर महिला पुलिसकर्मी सवाल उठा रहीं हैं। हालांकि नगर निगम की ओर गऊघाट और बलुआघाट में महिलाओं के लिए खास पिंक टॉयलेट बनवाया गया है। ऐसे में स्वच्छ मिशन कार्यक्रम के तहत बजट उपलब्ध कराकर पुलिस थाने और दफ्तरों में शौचालय का निर्माण कराया जा सकता है।

इन स्थानों पर है सुविधा-

- जिले के बहरिया, सराय ममरेज और महिला थाने में महिला शौचालय है। जबकि पुलिस ऑफिस, महिला सहायता प्रकोष्ठ, पुलिस लाइन, मॉडर्न कंट्रोल रूम, क्राइम ब्रांच और एडीजी जोन व आइजी रेंज दफ्तर में महिला शौचालय की सुविधा है।

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महिला पुलिस की स्थिति -

इंस्पेक्टर - 04

दारोगा- 06

मुख्य आरक्षी- 06

सिपाही - 451

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वर्जन-

थानों और दफ्तरों में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय बनवाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। इस संबंध में फीडबैक भी मिला था। समस्या को दूर करने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।

आकाश कुलहरि, एसएसपी


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