Shakti Group of Women : ब्रांडेड सब्जी मसालों में प्रतापगढ़ की ग्रामीण महिलाओं ने लगाया देसी तड़का
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त ओपी यादव कहते हैं कि समूह की महिलाएं मसाले का कारोबार कर रही हैं। इससे उनकी अच्छी आय हो रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। ये हैं गांव की तीन महिलाएं। ये सभी प्रतापगढ़ जनपद की हैं। इन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया कि अन्य महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। कोरोना वायरस संक्रमण काल में जब बाजार औंधे मुंह था, तब भी इनके मसालों की मांग ने धूम मचा रखी थी। यह कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है कुंडा के शहाबपुर की छंगू देवी, अंजू और शिखा के उस तिकड़ी की, जिन्होंने आसपास के बाजारों में अपने मसाले को ब्रांडेड कंपनियों के बीच स्थापित कर दिखाया।
महिलाएं करती थीं मजदूरी, अब है अपना व्यवसाय
शहाबपुर की तीनों महिलाएं पहले पति के साथ मजदूरी करती थीं। तीनों ने सोचा क्यों ना अपना व्यवसाय खड़ा करें। इनकी सोच को उस समय बल मिला, जब वर्ष 2019 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों से इनकी मुलाकात हुई। तीनों महिलाओं ने दस महिलाओं को जो जोड़कर शक्ति आजीविका स्वयं सहायता समूह बनाया। तीन माह बाद सभी को ट्रेनिंग दी गई।
रिवॉल्विंग फंड के तहत 30 हजार रुपये ऋण मिला
फिर रिवॉल्विंग फंड के तहत 30 हजार रुपये ऋण मिला। तीनों सखियों ने बाजार का भ्रमण किया, दुकानदारों से मिलीं, उन्हें समझ आ गया कि इस पूंजी में मसाले का व्यापार चल सकता है। गांव की महिलाओं ने एकजुटता की राह पकड़ी तो उनकी तकदीर बदल गई। एक-दूसरे का हाथ थाम उन्होंने बाजार की नब्ज टटोली तो उन्हें रसोई के लिए खास मसाला तैयार करने की सूझी। उनका यह प्रयोग काम आया और मसाला बाजार में हाथों-हाथ बिकने लगा।
मसाले की अच्छी सफाई और ताजी सुगंध लोग पसंद करने लगे
छंगू देवी बताती हैं कि शहर के थोक व्यापारियों से जीरा, हल्दी, मिर्चा, इलायची, तेज पत्ता, काली मिर्च, अजवाइन, लौंग, सहजीरा एवं जायफल खरीद कर लाती हैं। उसे साफ कर भूना और पीसा जाता है। फिर पैकेट में भर कर बेचा जाता है। उनके द्वारा तैयार मसाले की अच्छी सफाई और ताजी सुगंध लोग पसंद करने लगे हैं। कुंडा, लालगंज, शहर के चौक क्षेत्र के अलावा आसपास के बाजारों से उनके मसाले के लिए डिमांड ज्यादा आने लगी है।
20 रुपये खर्च, 10 रुपये आमदनी
अंजू कहती हैं कि अपने मसाले का नाम शक्ति रख दिया। इसे 50 ग्राम के पैकेट में बेचना शुरू किया। कीमत 30 रुपये है। एक पैकेट में 20 रुपये खर्च, 10 रुपये लाभ मिलता है। आय से समूह की महिलाओं का परिवार खुशहाल है। अब समूह का महीने का कारोबार एक लाख पहुंच गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त ने यह कहा
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त ओपी यादव कहते हैं कि समूह की महिलाएं मसाले का कारोबार कर रही हैं। इससे उनकी अच्छी आय हो रही है। एक ओर वह गरीबी को मात दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों को रोजगार दे रही हैं।