बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव के विरुद्ध तीन वाद बिंदु तय, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बदायूं संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की वैधता की चुनौती याचिका पर तीन वाद बिंदु तय किये हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बदायूं संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की वैधता की चुनौती याचिका पर तीन वाद बिंदु तय किये हैं। कोर्ट ने तीनों बिंदुओं पर संघमित्रा मौर्या से जवाब मांगा है। अब याचिका पर सुनवाई 17 जून को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने चुनाव में सपा प्रत्याशी रहे धर्मेंद्र यादव और दिनेश कुमार की चुनाव याचिका पर दिया है।
हाई कोर्ट इन वाद बिंदुओं पर सुनवाई करेगी कि क्या भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या का नामांकन गलत तरीके से निर्वाचन अधिकारी ने स्वीकार किया है? क्या दिनेश कुमार का नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया है? क्या डाले गए वोटों से अधिक की गिनती की गई है, जिससे चुनाव प्रभावित हो सकता है? साथ ही कोर्ट देखेगी कि क्या चुनाव शून्य और रद होने योग्य है। संघमित्रा के खिलाफ धर्मेंद्र यादव व दिनेश कुमार ने धांधली का आरोप लगाया है। कहा गया कि उन्हें जिताने के लिए पड़े वोटों से अधिक की गिनती की गई है। प्रशासन पर दबाव डालकर दूसरे प्रत्याशियों का नामांकन गलत तरीके से निरस्त कराया गया है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने बदायूं लोकसभा सीट से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की है। संघमित्रा प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। 17वीं लोकसभा चुनाव के तहत उत्तर प्रदेश की बदायूं सीट पर समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है, लेकिन इस लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के संघमित्रा मौर्या ने सपा के सांसद एवं गठबंधन प्रत्याशी रहे धर्मेंद्र यादव को 18454 वोटों से शिकस्त दी थी।
धर्मेंद्र यादव का कहना है कि चुनाव में 24 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। इसमें केवल नौ ही स्वीकृत किए गए। सभी नामांकन पत्र मनमाने तरीके से अस्वीकृत कर दिए गए। चुनाव का परिणाम 25 मार्च, 2019 को घोषित हुआ। इसमें आठ हजार वोटों की गिनती अधिक की गई, जो चुनाव को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही कहा गया है कि विपक्षी सांसद संघमित्रा मौर्या की शादी नवल किशोर मौर्य के साथ हुई है। उनके एक पुत्र भी है। चुनाव घोषणा पत्र में इस तथ्य को छिपाया गया है, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों व चुनाव नियमों का उल्लंघन है। इस आधार पर इनका चुनाव निरस्त किया जाए।