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तीन तलाक और निजता के अधिकार के मसले पर हुई गर्मागर्म बहस

जागरण यूथ पार्लियामेंट में मानव संसाधन विकास मंत्री काजल त्रिपाठी ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018Ó सदन के पटल पर रखा। महिलाओं के उत्पीडऩ का उल्लेख करते हुए विधेयक लाने का औचित्य बताया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 01:47 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 01:47 PM (IST)
तीन तलाक और निजता के अधिकार के मसले पर हुई गर्मागर्म बहस
तीन तलाक और निजता के अधिकार के मसले पर हुई गर्मागर्म बहस

प्रयागराज : दैनिक जागरण यूथ पार्लियामेंट (जेवाइपी) में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018Ó और 'जांच एजेंसियों को नागरिकों के डाटा पर नजर रखने की अनुमति दिए जाने पर गर्मागर्म बहस हुई। युवा सांसदों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के बारे में भी जानकारी मिली। युवा सांसदों ने बिल एवं मुद्दों के प्रस्तुतिकरण की प्रक्रिया को भी समझा।

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   जागरण यूथ पार्लियामेंट में मानव संसाधन विकास मंत्री काजल त्रिपाठी ने  'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018Ó सदन के पटल पर रखा। महिलाओं के उत्पीडऩ का उल्लेख करते हुए विधेयक लाने का औचित्य बताया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी बहस हुई। सत्तापक्ष से जुड़े मो. स्वालेह खान ने इस विधेयक को समय की मांग बताया। विपक्ष के अनुराग गुप्ता ने तीन तलाक को आपराधिक श्रेणी में लाने पर विरोध जताया। शिव शंकर मिश्रा ने विधेयक का समर्थन किया। नेता सदन संक्षेप बरनवाल ने उम्मीद जताई कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं के हितों का संरक्षण कर सकेगा। उन्होंने कहा कि सभी को जमीनी सच्चाई जाननी चाहिए।

   विपक्ष की सौम्या यादव ने डाटा की निगहबानी मसले को उठाया। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में खुफिया एजेंसियों को मिले अधिकार की चर्चा की। निजता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा पर पक्ष और विपक्ष में तनातनी साफ दिखी। कतिपय सांसदों का कहना था कि निजता को मौलिक अधिकार के रूप में सर्वोपरि माना जाना चाहिए। कुछ सदस्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानने के पक्ष में थे। आयुष यादव ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। स्पीकर विष्णु बहादुर सिंह ने सामूहिक चेतना पर जोर दिया। कहा कि देशहित सर्वोपरि होना चाहिए। विपक्ष से अभिषेक कुमार ने 10 जांच एजेंसियों की बजाय एक ही जांच एजेंसी रखने की बात कही। विपक्ष के रोहित कुमार ने कमेटी गठन की मांग की। कहा कि किसी भी व्यक्ति का डाटा लिए जाने से पूर्व संबंधित संस्थान की अनुमति लेने का प्रावधान होना चाहिए।

भोजन के सदुपयोग पर जोर :

   युवा सांसदों ने सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर की सुंदरता के बारे में भी अपनी राय रखी। काजल त्रिपाठी और शशांक पाठक ने मेस अथवा किसी पार्टी में खाने की बर्बादी से संबंधित रिपोर्ट पेश की। भोजन के सदुपयोग पर बल दिया। प्रोग्राम एसोसिएट चित्तजीत मित्रा ने भी विषय पर राय रखी। दैनिक जागरण के नॉलेज पार्टनर टफहोप टीम के शुभम गौतम और आनंद यादव ने प्रक्रिया का विस्तृत प्रारूप समझाया।


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