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Magh Mela - 2020 : इस बार माघ मेले से गाय और गंगा की रक्षा का बिगुल बजेगा Prayagraj News

कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अयोध्या में राममंदिर जैसा बड़ा मुद्दा निस्तारित होने के बाद अब काशी-मथुरा की तरह गाय व गंगा मइया की रक्षा देश के सनातन मतावलंबियों के लिए बड़ा सवाल है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 11:39 AM (IST)
Magh Mela - 2020 : इस बार माघ मेले से गाय और गंगा की रक्षा का बिगुल बजेगा Prayagraj News
Magh Mela - 2020 : इस बार माघ मेले से गाय और गंगा की रक्षा का बिगुल बजेगा Prayagraj News

प्रयागराज ,जेएनएन । संगम की रेती पर जनवरी से सजने वाले धर्म अध्यात्म के माघ मेले से इस बार गाय और गंगा की रक्षा का भी बिगुल बजेगा। इस संबंध में करीब 15 साल से काम कर रही संस्था गंगा सेना, देश भर के कुछ चुनिंदा युवा सांसदों के साथ विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी। यह सांसद, संसद के विभिन्न सत्रों में गाय और गंगा की रक्षा की बात करेंगे। गंगा सेना ने इस बैठक के लिए कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर को समन्वयक बनाया है।

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दर्जनभर संसद सदस्‍य चर्चा में होंगे शामिल

गंगा सेना के अध्यक्ष योग गुरु आनंद गिरि ने बताया कि दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, बेंगलुरु से सांसद तेजस्वी सूर्या, लद्दाख के सांसद जामयांग , राज्यसभा सदस्य राम माधव समेत लगभग दर्जन भर संसद सदस्य माघ मेले में होनी वाली इस चर्चा में सम्मलित होने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। यह चर्चा इसलिए भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अयोध्या में राममंदिर जैसा बड़ा मुद्दा निस्तारित होने के बाद अब काशी-मथुरा की तरह गाय व गंगा मइया की रक्षा देश के सनातन मतावलंबियों के लिए बड़ा सवाल है। आनंद गिरि का कहना है कि हिंदू धर्म में गाय और गंगा को माता का दर्जा दिया गया है। लेकिन, इन दोनों का अस्तित्व ही खतरे में है। इन दोनों को बचाना बेहद आवश्यक है।

संसद के हर सत्र में उठेगा यह मसला

बैठक का एजेंडा बताते हुए गंगा सेना के अध्यक्ष ने कहा कि चर्चा के दौरान वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि  गाय और गंगा हमारे के लिए क्यों जरूरी है? इसकी रक्षा कैसे की जा सकती है? चर्चा में पारित प्र्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष पहुंचाया जाएगा। अपेक्षा यह रहेगी कि संसद के हर सत्र में उक्त सांसद दोनों मसलों को प्राथमिकता से उठाएं।


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