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संगमनगरी में इस बार अप्रैल और मई महीने में पिछले साल से ज्यादा गूंजी किलकारी, अप्रैल दोगुना ज्यादा बने जन्म प्रमाण पत्र

शहर के पांच सरकारी अस्पतालों स्वरूपरानी नेहरू काल्विन डफरिन रेलवे और टीबी हास्पिटल में जन्म लेने वाले बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) वहीं बनाए जाते हैैं। इन अस्पतालों में दिवंगत लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) भी वहीं से जारी होते हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 06:50 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 06:50 AM (IST)
संगमनगरी में इस बार अप्रैल और मई महीने में पिछले साल से ज्यादा गूंजी किलकारी, अप्रैल दोगुना ज्यादा बने जन्म प्रमाण पत्र
अप्रैल और मई महीनों में जन्म लेने वाले बच्चों का आंकड़ा पिछले साल इन्हीं दो महीनों के मुकाबले ज्यादा रहा।

प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में जब मौतें अधिक हुई और प्रसूताएं चिल्ड्रेन हास्पिटल व नर्सिंग होम में प्रसव से बच रही थी, तब संगमनगरी में घरों में ज्यादा किलकारियां गूंजीं। अप्रैल और मई के महीनों में जन्म लेने वाले बच्चों का आंकड़ा पिछले साल इन्हीं दो महीनों के मुकाबले ज्यादा रहा।

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शहर के पांच सरकारी अस्पतालों स्वरूपरानी नेहरू, काल्विन, डफरिन, रेलवे और टीबी हास्पिटल में जन्म लेने वाले बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) वहीं बनाए जाते हैैं। इन अस्पतालों में दिवंगत लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) भी वहीं से जारी होते हैं। नर्सिंग होम अथवा घरों में जन्म लेने वाले बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट नगर निगम में बनाए जाते हैैं। इसी तरह नर्सिंग होम और निगम सीमा में मरने वालों का मृत्यु प्रमाण पत्र भी निगम से ही जारी होता है।

वर्ष 2020 के अप्रैल और मई माह व इस साल यानी 2021 के इन्हीं दो महीनों के नगर निगम के आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल की तुलना में इस वर्ष पैदा होने और मरने वालों की संख्या ज्यादा रही। पिछले साल अप्रैल महीने में 985 और मई में 1018 जन्म प्रमाण पत्र निगम से जारी किए गए। वर्ष 2021 में अप्रैल महीने में लगभग दोगुना 1855 प्रमाण पत्र बनाए। मई में भी 1149 प्रमाण पत्र जारी किए गए, जो पिछले साल से 131 अधिक हैं। सरकारी अस्पतालों के आंकड़े जोड़ लिए जाएं तो यह संख्या और ज्यादा होगी।

एसआरएन में 67 बच्चे जन्मे

अप्रैल, मई महीनों में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कुल 67 बच्चे जन्मे। इस समय कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी।नगर स्वास्थ्य अधिकारी/पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि जन्म लेने के एक महीने के अंदर जन्म प्रमाण पत्र निगम स्तर से बन जाता है। पैदा होने के एक माह के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी और एक साल के बाद एसडीएम से आवेदक के अनुमति लेने पर ही बर्थ सर्टिफिकेट जारी होता है।

डेथ सर्टिफिकेट एक नजर में

अप्रैल 2020-229

मई 2020-451

अप्रैल 2021-734

मई 2021-1931


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