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प्रयागराज शहर के सरकारी अस्पताल का यह है हाल, बिना आदेश ताला लगाकर स्टाफ नदारद

नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धरिकार बस्ती कीडगंज शनिवार दोपहर एक बजे बंद मिला। गेट पर ताला लगा रहा और आस पड़ोस के लोगों का कहना था कि अस्पताल आज खुला ही नहीं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रश्मि त्रिपाठी समेत पूरा स्टाफ रेनी डेÓ मनाता रहा।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:40 AM (IST)
प्रयागराज शहर के सरकारी अस्पताल का यह है हाल, बिना आदेश ताला लगाकर स्टाफ नदारद
नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धरिकार बस्ती कीडगंज कहां है यह अस्पताल के आसपास रहने वालों को भी नहीं पता।

प्रयागराज, जेएनएन। सोचिए, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का कैसा हाल होगा जब नगर क्षेत्र में ही अफसरों की नाक के नीचे व्यवस्था बेपटरी है। बात हो रही है नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की, जहां घनी बस्ती होने के कारण संक्रामक रोग भी तेजी से फैलते हैं। ऐसे में 'धरती के भगवानÓ ही अपने मंदिर से गायब हैं। अस्पताल भी ऐसे जिनकी जानकारी वहां आसपास रहने वाले लोगों को ही नहीं। इसके बावजूद जहां बीमार वहीं उपचार का दावा है। जानिए, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) धरिकार बस्ती कीडगंज के हालात दैनिक जागरण की इस पड़ताल से।

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अस्पताल बंद, स्टाफ नदारद

नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धरिकार बस्ती कीडगंज शनिवार दोपहर एक बजे बंद मिला। गेट पर ताला लगा रहा और आस पड़ोस के लोगों का कहना था कि अस्पताल आज खुला ही नहीं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रश्मि त्रिपाठी समेत पूरा स्टाफ 'रेनी डेÓ मनाता रहा। दूरभाष पर बात होने पर डा. रश्मि त्रिपाठी ने पहले तो दावा किया कि वह अस्पताल से ढाई बजे निकलीं, फिर बोलीं कि उन्हें अस्पताल से जाने का समय ठीक से याद नहीं। फार्मासिस्ट उमेश सिंह ने दूरभाष पर बताया कि अस्पताल नौ से चार बजे तक खुला रहा। गेट पर ताले के सवाल पर कहा कि चौकीदार ताला बंद कर कहीं चला गया होगा।

घर-घर सर्वे बेमतलब

नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धरिकार बस्ती कीडगंज कहां है यह अस्पताल के आसपास रहने वालों को भी नहीं पता। स्वास्थ्य सेवाएं यहां मरीजों को कैसे मिलती होंगी यह बड़ा सवाल है। नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का दावा है कि आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य फील्ड स्टाफ घर-घर जाकर लोगों की बीमारियां का पता करते हैं। उन्हें अस्पताल जाकर इलाज कराने को प्रेरित करते हैं लेकिन कीडगंज के इस सरकारी अस्पताल के बारे में वहां के निवासियों को जानकारी ही नहीं।

कल वहां, आज यहां फिर कहां

धरिकार बस्ती का नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी जगह टिक नहीं पा रहा है। वर्षों पहले यह कीडगंज में पुलिस बूथ के पास हुआ करता था। वहां से विस्थापित हुआ तो कच्ची सड़क पर किराए के भवन में संचालित हुआ। अक्टूबर माह में वहां से भी अस्पताल हटा दिया गया। अब यह कीडगंज की कबाड़ मार्केट में मुख्य सड़क पर एक कामर्शियल कांप्लेक्स में है।

दायरे में हैं ये इलाके

खलासी लाइन, नई बस्ती, बाई का बाग, तालाब नवल राय, मु_ीगंज का कुछ हिस्सा, नेता नगर, चौखंडी, पूरा वल्दी, पूरा ढाकू।

काटा एक दिन का वेतन

अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही की। वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक समेत तीन लोगों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। अस्पताल सुबह खोला गया था। एमओआइसी डा.रश्मि टीकाकरण ड्यूटी पर दोपहर में एसआरएन चली गई थीं, फार्मासिस्ट भी अस्पताल बंद कर कहीं चला गया। दोपहर में ढाई बजे फिर अस्पताल खोला गया।

डा. सत्येन राय, नोडल अफसर नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र


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