प्रतापगढ़ में सुलभ की मौत के पीछे क्या है राज, उच्च स्तरीय जांच हो और दिया जाए मुआवजा तथा नौकरी
प्रतापगढ़ में एबीपी न्यूज़ रिपोर्टर सुलभ श्रीवास्तव की रहस्यमय हालात में मौत से तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों में रोष है। समाजवादी युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष रवींद्र यादव ने सूबे की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल से इस मौत की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग की है
प्रयागराज, जेएनएन। खबर की कवरेज करने के बाद घर वापसी के दौरान प्रतापगढ़ में रविवार रात टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध हालात में मौत और हत्या की आशंका के बीच कई नेताओं और पदाधिकारियों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सीबीआइ जैसी किसी एजेंसी से जांच होने पर ही सच सामने आएगा कि इसमें शराब माफिया का हाथ है या नहीं। साथ ही पीड़ित परिवार को शासन से एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की भी बात रखी गई है।
एक करोड़ मुआवजा और दी जाए नौकरी
प्रतापगढ़ में एबीपी न्यूज़ रिपोर्टर सुलभ श्रीवास्तव की रहस्यमय हालात में मौत से तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों में रोष है। समाजवादी युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष रवींद्र यादव ने सूबे की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल से इस मौत की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग की है। रवींद्र यादव ने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारिता चौथा सबसे मजबूत स्तंभ है लेकिन इस तरह से पत्रकारों की हत्या कर दी गई जाएगी तो फिर भला कौन सुरक्षित रहेगा। सत्ता के संरक्षण में पल रहे माफिया के अवैध शराब के धंधे को उजागर करने पर एक पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक पत्रकार के परिवार के लोगों को एक करोड़ रुपये मुआवजा और घर के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। छात्रनेता रिषभ यादव, बलवंत यादव, संजय मौर्य, शिवा त्रिपाठी, अनुराग सहगल, अरुण गुप्ता, उदयराज, प्रमोद यादव ने भी कहा कि निष्पक्ष जांच और कार्रवाई होगी।
यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) के प्रांतीय अध्यक्ष रतन दीक्षित, महामंत्री अशोक अग्निहोत्री, संगठन मंत्री संतोष भगवन तथा प्रतापगढ़ इकाई के अध्यक्ष अखिल नारायण सिंह तथा महामंत्री डा. अमित पाण्डेय ने एबीपी न्यूज़ चैनल के जिला संवाददाता सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध मौत की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने व पीड़ित परिजनों को एक करोड़ रूपये मुआवजा राशि देने की मांग शासन से की है ।
खतरा जाने के बाद मौत से मामला है गंभीर
भाजपा नेता विजय द्विवेदी ने भी कहा कि एडीजी जोन को शराब माफिया से खतरे का पत्र देने के दूसरे ही रोज पत्रकार की मौत होने से मामला गंभीर है। पत्रकार को खतरा होने के बाद सुरक्षा भी नहीं दी गई थी। ऐसे में उनकी मौत की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और यदि इस प्रकरण में दोषी कोई पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। साथ ही बेसहारा हुए परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा जिला प्रशासन द्वारा दिया जाए।