Coronavirus Effect : Cashless Health Insurance के बाद भी कंपनियां नहीं दे रहीं पीपीई किट का खर्च Prayagraj News
Coronavirus Prayagraj News कुछ बीमा कंपनियां कोरोना कवर व इलाज के लिए कुछ धन दे दे रही हैं। मगर ज्यादातर कंपनियां कोविड-19 कवर देने से इन्कार कर रही हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। कोई व्यक्ति कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस कराने के बाद भविष्य में किसी बीमारी के लिए खुद को सुरक्षित महसूस करता है। कोरोना काल में यह भ्रम अब टूट रहा है। बीमित लोगों को इलाज के दौरान क्लेम लेने में दिक्कत आ रही हैं। बीमारी का कैशलेस बीमा होने के बाद भी इलाज के बिल में बीमा कंपनियां पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेेंट) किट व अन्य सुरक्षा उपकरणों का खर्च देने से मना कर रही हैं। इससे मरीजों को इलाज का पैसा देना पड़ रहा है।
ज्यादातर कंपनियां कोविड-19 कवर देने से इन्कार कर रही
जिन लोगों ने पहले कैशलेस बीमा की पॉलिसियां ली हैं। उसमें कोरोना कवर नहीं है। लिहाजा, कुछ बीमा कंपनियां कोरोना कवर व इलाज के लिए कुछ धन दे दे रही हैं। मगर ज्यादातर कंपनियां कोविड-19 कवर देने से इन्कार कर रही हैं। पीपीई किट का खर्च तो कंपनियां बिल्कुल नहीं दे रही हैं। इससे मरीजों को इलाज के लिए अपने घर से पैसा लगाना पड़ रहा है और उनके सामने मुश्किलें पेश आ रही हैं। वह खुद को ठगा भी महसूस कर रहे हैं।
नई पॉलिसी में एक साल तक कवरेज
बीमा नियामक एजेंसी इरडा ने कोरोना कवच के रूप में बीमा कंपनियों को नई पॉलिसी निकालने की अनुमति दी है। इसमें कंपनियां तीन माह से एक साल के लिए कोविड-19 कवरेज दे रही हैं। बीमित व्यक्ति को 50 हजार से पांच लाख तक का कवरेज मिलेगा। पॉलिसी के 30 दिन बाद ही लाभ मिलेगा। इसमें परिवार के लोग भी शामिल हैं।
इससे भी लोगों को खास उम्मीद नहीं
नई पॉलिसी से भी कोई खास मदद नहीं मिल पा रही है। नाम न छापने की शर्त पर कंपनियों के अफसरों ने बताया कि पुरानी पॉलिसी में कुछ कंपनियां कोरोना कवरेज दे रही हैं। मगर, पीपीई किट का खर्च कोई भी कंपनी नहीं दे रही हैं। नई पॉलिसी में भी केवल कोविड कवरेज मिलेगा। जबकि हेल्थ इंश्योरेंस में अन्य बीमारियां भी कवर होती हैं।