व्यापारी भाइयों की हत्या करने वाले शातिर बदमाशों ने चेन्नई व मुंबई में बनाया था ठिकाना
प्रतापगढ़ में व्यापारी भाइयों की हत्या, बड़ौदा ग्रामीण बैंक में डकैती में शामिल एक बदमाश मुंबई क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़़ा। उसे रिमांड पर लेकर यहां की पुलिस रिमांड पर ले आई।
इलाहाबाद : प्रतापगढ़ में कोहड़ौर के व्यापारी भाइयों की हत्या करने के बाद बदमाशों ने सुल्तानपुर, चेन्नई, मुंबई में ठिकाना बनाया था। जब घटना को काफी दिन बीत जाता था तो बदमाशों मुंबई से आकर दूसरी घटना को अंजाम दे देते थे और फिर मुंबई भाग जाते थे।
पुलिस ने चुनौती बने व्यापारी डबल मर्डर और बड़ौदा ग्रामीण बैंक जगेसरगंज में डकैती की घटना का पर्दाफाश कर दिया है। दोनों घटनाओं में शामिल 75 हजार के इनामी अंतरजनपदीय बदमाश अभिषेक पुत्र नेपाल सरोज निवासी कोहंड़ौर को मुंबई क्राइम ब्रांच ने 20 सितंबर को बांद्रा से गिरफ्तार कर लिया। प्रतापगढ़ से अंतू एसओ संजय यादव, पट्टी के दारोगा सुनील गुप्ता मुंबई क्राइम ब्रांच के दफ्तर गए और वहां बांद्रा कोर्ट से 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड लेकर यहां आए। पुलिस लाइन में रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में एसपी देव रंजन वर्मा व एएसपी पूर्वी पूर्णेंदु सिंह ने मामले की जानकारी दी। कोहड़ौर कस्बे के लोहा सीमेंट व्यापारी श्याम मूरत जायसवाल से छह व आठ मई को 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी गई थी। इस पर श्याममूरत ने थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। 11 मई को रंगदारी मांगने वाले ने मुकदमा दर्ज कराने की बात कहते हुए धमकी दिया था कि अब बात नहीं मुलाकात होगी। 25 जुलाई को रात आठ बजे श्याममूरत जायसवाल व उनके बड़े भाई श्यामसुंदर जायसवाल दुकान पर बैठे थे, तभी पहुंचे बदमाशों ने गोली मारकर दोनों भाइयों की हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार घटना की योजना 25 जुलाई को शाम साढ़े सात बजे कोहड़ौर थाना क्षेत्र के मदुरा रानीगंज में ईंट भट्टे के बगल बाग में बनी थी। वहां हब्बू सरोज, अभिषेक, सद्दाम व राका मौजूद थे। हब्बू ने तीनों साथियों से कहा कि श्याममूरत जायसवाल से पैसा मांगा था, पैसा लेने चलना है। इसके बाद अपाची से हब्बू, सद्दाम व राका दुकान पर पहुंचे और पैसा न देने पर श्याममूरत व श्यामसुंदर की गोली मारकर हत्या कर दी।
एसपी देव रंजन वर्मा के अनुसार डबल मर्डर के बाद चारों बदमाश 14 दिन तक सुल्तानपुर जिले के लंभुआ इलाके में हब्बू सरोज की मौसी के घर रुके थे। इसके बाद बदमाश हब्बू के सहपाठी के पास चेन्नई चले गए थे। वहां हब्बू का दोस्त प्राइवेट फैक्ट्री में काम करता था। वहां से बदमाश कुछ दिन मुंबई में रुके थे। मुंबई में अभिषेक का बड़ा भाई करमचंद्र और सद्दाम का रिश्तेदार इंजमाम रहता है। करमचंद्र वहां प्लंबर है। वहां से आने के बाद बदमाशों ने कंधई थाना क्षेत्र के कोनी में स्थित कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के पेट्रोल पंप पर 10 सितंबर को सेल्समैन से 12 हजार रुपये लूटे थे। इसके बाद 11 सितंबर को सुल्तानपुर जिले के लंभुआ गांव में ग्रामीण बैंक से साढ़े आठ लाख रुपये लूट लिए थे। फिर 14 सितंबर को बड़ौदा ग्रामीण बैंक जगेसरगंज प्रतापगढ़ में डाका डाला था।
बहन के घर से रिवाल्वर बरामद :
व्यापारी डबल मर्डर, बैंक डकैती समेत अन्य घटनाओं में अभिषेक सरोज ने जिस रिवाल्वर का इस्तेमाल किया था उसे मुंबई जाने के पहले अपनी बड़ी बहन कुसुम के घर कांधरपुर में छिपा दिया था। अभिषेक की निशानदेही पर पुलिस ने कुसुम के घर से रिवाल्वर व दो कारतूस बरामद कर लिया।
आइजी ने की पूछताछ :
कोहड़ौर के डबल मर्डर और बैंक डकैती में पकड़े गए अंतरजनपदीय बदमाश अभिषेक सरोज को मुंबई से प्रतापगढ़ लाने की जानकारी होने पर आइजी मोहित अग्रवाल दोपहर ढाई बजे पुलिस लाइन पहुंचे और गेस्ट हाउस में बदमाश अभिषेक से घटना के बारे में पूछताछ की।
दोहरे हत्याकांड में फरार
1. अंकुर उर्फ हब्बू सरोज निवासी मदुरा रानीगंज, कोहंड़ौर
2. सद्दाम निवासी बासूपुर, कोहंड़ौर
3. राका पता अज्ञात
बैंक डकैती में फरार
1. अंकुर उर्फ हब्बू सरोज निवासी मदुरा रानीगंज, कोहंड़ौर
2. सद्दाम निवासी बासूपुर, कोहंड़ौर
3. राका पता अज्ञात
4. तौसीक निवासी बहरूपुर, कंधई
5. मोहम्मद नान्हू निवासी जियोतिया, कंधई
6. एक अज्ञात
सउदी में रहने वाले दोस्त से दिलाते थे धमकी :
पुलिस को चकमा देने के लिए बदमाश सउदी में रहने वाले दोस्त से व्यापारियों को धमकी दिलाते थे। यही नहीं, उसी दोस्त के बैंक खाता में पैसा भेजने की बात करते थे। व्यापारियों के पास आठ बार इंटरनेशनल काल से रंगदारी मांगी गई थी।
राज दफन करने को की थी बड़े भाई की हत्या :
रंगदारी न देने पर बदमाशों ने कोहंड़ौर के व्यापारी श्याममूरत जायसवाल की हत्या करने की योजना बनाई थी। बदमाश 25 जुलाई को रात आठ बजे जब श्याममूरत की दुकान पर पहुंचे तो उस समय उनके बड़े भाई श्यामसुंदर भी वहां बैठे थे। बदमाशों ने पहले श्याममूरत को गोली मारी। फिर इसलिए श्यामसुंदर की भी गोली मारकर हत्या कर दी जिससे घटना का राज दफन हो जाए। क्योंकि कोहड़ौर के रहने वाले बदमाशों को श्यामसुंदर पहचानते थे।