हेल्थ वर्कर भर्ती परीक्षा की वैधता को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती, राज्य सरकार से जवाब तलब
हाई कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा परिणाम याचिका के निर्णय की विषय वस्तु होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने प्रियंका शुक्ला व 11 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता संजय कुमार ओम व रवि प्रकाश ने बहस की।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्वास्थ्य कर्मियों व सुपरवाइजर भर्ती प्रारंभिक योग्यता परीक्षा की वैधता की चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याची का कहना है कि 2018 की नियमावली से पहले यह नियुक्तियां आयोग के दायरे से बाहर थी। बैच वार वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की जाती थी। याचिका में नियमावली के कुछ उपबंधों को चुनौती दी गई है। मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
परीक्षा परिणाम याचिका के निर्णय की विषय वस्तु
हाई कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा परिणाम याचिका के निर्णय की विषय वस्तु होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने प्रियंका शुक्ला व 11 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता संजय कुमार ओम व रवि प्रकाश शुक्ल ने बहस की। उनका कहना है कि याचीगण आक्सिलरी नर्स मिडवाइफ के रूप में संविदा आधार पर कार्यरत है। पहले नियम था कि हेल्थ वर्कर पद पर बैच वार वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की जाएगी। अब नियमावली से आयोग से चयन के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसे चुनौती दी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।