मजारों पर चलेगी 'दुआ से दवा तक' की क्लास
इलाहाबाद : अब मजारों पर झाड़ फूक कराने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए क्लीनिक क्लास च
इलाहाबाद : अब मजारों पर झाड़ फूक कराने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए क्लीनिक क्लास चलाने का निर्णय लिया गया है। यहां मनोचिकित्सकों की टीम कैंप लगाकर लोगों को अस्पताल पहुंचकर मनोचिकित्सकीय इलाज कराने के लिए प्रेरित करेगी। सरकार यह व्यवस्था प्रदेश के सभी जिलों में करने जा रही है। इसके लिए सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भी भेजा जा चुका है। शीघ्र ही सभी जनपदों में यह व्यवस्था शुरू होने जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग ऐसे मजारों को चिह्नित करेगा जहां लोग झाड़-फूक कराने आते हैं। ऐसे मजारों को प्राथमिकता के आधार पर चिह्नित किया जाएगा जहां बड़ी संख्या में लोग दुआ लेने व झाड़ फूक कराने के लिए पहुंचते हैं। यहां सरकार मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 'दुआ से दवा तक' नामक क्लास जाएगी। मजार के संचालक से अनुमति लेकर वहां प्रतिमाह एक कैंप लगाया जाएगा, जिसमें मनोचिकित्सक मौजूद होंगे। मजार पर झाड़-फूक कराने वाले लोगों को एक साथ बैठाया जाएगा। मनोचिकित्सक उन्हें समझाएंगे कि आप यहां दुआ लेने आते हैं यह तो ठीक है लेकिन इसके साथ आप इलाज भी कराइए। मनोचिकित्सक इसमें पूरी मदद करेंगे। प्रत्येक जनपद को तीन लाख का बजट
कार्यक्रम के लिए टारगेट इंटरवेंशन मद के तहत प्रत्येक जिले को तीन लाख रुपये का बजट दिया गया हैं। इसमें एक कैंप करने के लिए तीन हजार रुपये का प्रावधान है। यहां टेंट लगवाने के साथ बैनर और पंपलेट भी वितरित किए जाएंगे। सिकंदरा रौजा से होगी शुरूआत
इलाहाबाद के सिकंदरा स्थित रौजा मजार से दुआ से दवा तक अभियान शुरू हो रहा है। यहां प्रत्येक संडे को हजारों की संख्या में लोग झाड़-फूक कराने के लिए आते हैं। यहां मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राकेश कुमार पासवान व डॉ. ईशान्या राज, सेक्रेटरी नर्स शैलेश कुमार व कम्युनिटी नर्स संजय तिवारी लोगों को जागरूक करेंगे। हम लोगों की टीम 'दुआ से दवा तक' के लिए मजारों पर जाएगी। वहां झाड़ फूक कराने के साथ इलाज कराने के लिए प्रेरित करेंगे। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी।
डॉ. राकेश कुमार पासवान : मनोचिकित्सक, मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल इलाहाबाद