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गुणवत्ता बरकरार रखने से ही प्रयागराज के इस रेस्टोरेंट को प्रसिद्धि मिली

इसमें स्पेसो यानी झाग वाली काफी की मशीन पहली बार लगाई गई। यह मशीन इटली से आयात की गई थी। कप भी वहीं से मंगाए गए थे। उस समय 30 पैसे में एक कप काफी बेचनी शुरू की गई। काफी के साथ स्नैक्स भी दिया जाता था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 12:30 AM (IST)
गुणवत्ता बरकरार रखने से ही प्रयागराज के इस रेस्टोरेंट को प्रसिद्धि मिली
गुणवत्ता को बरकरार रखने से ही रेस्टोरेंट को प्रसिद्धि मिली।

 प्रयागराज,जेएनएन। खानपान की सामग्रियों में लंबे समय तक गुणवत्ता को बनाए रखना किसी भी होटल, रेस्टोरेंट और प्रतिष्ठान के लिए बड़ी चुनौती होती है। लेकिन, एलचिको होटल एंड रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड साढ़े पांच दशक से ज्यादा समय से गुणवत्ता को बरकरार रखा है। जिसकी वजह से इसे ख्याति मिली। होटल एंड रेस्टोरेंट के निदेशक राकेश राय बताते हैं कि कई बड़े नेताओं को लंच-डिनर एवं ब्रेकफास्ट कराने का उन्हें मौका मिला।

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1964 में सिविल लाइंस में खुला एलचिकाे होटल एंड रेस्‍टोरेंट

सिविल लाइंस में महात्मा गांधी मार्ग स्थित एलचिको होटल एंड रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राकेश राय बताते हैं कि उनके सबसे बड़े भाई गणेश राय ने 1964 में इस रेस्टोरेंट को खोला था।

इटली से मंगवाई गई थी कॉफी मशनी

इसमें स्पेसो यानी झाग वाली काफी की मशीन पहली बार लगाई गई। यह मशीन इटली से आयात की गई थी। कप भी वहीं से मंगाए गए थे। उस समय 30 पैसे में एक कप काफी बेचनी शुरू की गई। काफी के साथ स्नैक्स भी दिया जाता था लेकिन, उसकी कीमत अलग ली जाती थी। वह बताते हैं कि सबसे बड़े भाई के निधन के बाद बड़े भाई रमेश, नरेश और उन्होंने स्वयं रेस्टोरेंट की जिम्मेदारी संभाली।

गुणवत्‍ता बरकरार रखने से मिला इतना फेम

ग्राहकों को शुरू से प्राथमिकता देते हुए स्वादिष्ट व्यंजन दिए गए। गुणवत्ता को बरकरार रखने से ही रेस्टोरेंट को प्रसिद्धि मिली। वह बताते हैं कि सर्किट हाउस में जितने वीआइपी और वीवीआइपी ठहरते थे, उनके लिए यहीं से खाना और नाश्ता जाता था। आज भी देश के भर रहने वाले हजारों की संख्‍या में ऐसे लोग जो प्रयागराज आने पर यहां एक बार खाना खाने जरूर आते हैं।

लॉकडाउन के बाद पेस्टीशॉप शुरू की गई

लॉकडाउन में करीब दो महीने होटल एंड रेस्टोरेंट बंद था। लॉकडाउन के बाद जब होटल और रेस्टोरेंट को खोलने की शासन-प्रशासन से अनुमति मिली तो पेस्टीशॉप की ही शुरुआत की। इसके लिए हाईजेनिक व्यवस्था की गई।

पिछले सप्ताह रेस्टोरेंट शुरू किया गया

कोविड-19 के मानकों का पालन करते हुए पिछले सप्ताह रेस्टोरेंट भी शुरू किया गया। समय-समय पर सैनिटाइजेशन कराया जाता है। स्टॉफ के लिए मास्क, ग्लब्स लगाना अनिवार्य किया गया है। होटल एंड रेस्टोरेंट में ठहरने की व्यवस्था नहीं है।

आउटडोर कैटरिंग का भी कारोबार

वह बताते हैं कि इसी साल मीरापुर में पेस्टीशॉप भी खोला गया है। उनका आउटडोर कैटरिंग का भी कारोबार है। हालांकि, यह कारोबार शहर तक ही सीमित है।

दशकों से बनाए रखा ग्राहकों का विश्वास

होटल के निदेशक का कहना है कि लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की जाती है। उनके विश्वास को कायम रखते हुए करीब साढ़े पांच दशक से कारोबार को अग्रसर बनाए रखने की पूरी कोशिश की गई है।

दो भाइयों संग खुद संभालते हैं जिम्‍मेदारी

ग्राहकों की संतुष्टि को बरकरार रखते हुए कारोबार की जिम्मेदारी पहले सबसे बड़े भाई के हाथ में थी। अब दो बड़े भाइयों और मेरे हाथों में जिम्मेदारी आ गई है।

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अभी पहले जैसा माहौल नहीं है

कोविड के कारण अभी पहले जैसा माहौल नहीं हुआ है। पहले जैसी स्थिति बहाल होने में अभी समय लगेगा। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के पहले बाजार की चेन जिस तरह की बनी थी। वह लॉकडाउन में टूट गई है।

धीरे-धीरे पटरी पर लौट आएगा कारोबार

उस चेन को बनने में अभी समय लगेगा। लेकिन, अब धीरे-धीरे बाजार चढऩे लगा है। कारोबार रफ्तार तभी पकड़ेगा, जब कड़ी से कड़ी चेन पूरी तरह से जुड़ जाएगी।

अभी आम जनता और कारोबारियों में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर है दहशत का माहौल

अभी आम जनता और कारोबारियों में कोरोना को लेकर दहशत एवं भय का माहौल बना है। कोरोना की वैक्सीन विकसित होने के बाद ही शायद इस दशहत और डर से लोग बाहर निकल सकें।

अभी कारोबार संचालन में आ रहीं है तमाम दिक्‍कतें

डर की वजह से कारोबार के संचालन में अभी भी कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं। लेकिन उम्‍मीद है समय के साथ यह दिक्‍कते दूर हो जाएंगी और पुराने जैसा माहौल दोबारा से हो जाएगा।


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