Magh Mela-2020 : गंगा के तेज प्रवाह से पांटून पुलों को खतरा Prayagraj News
अब प्रवाह से माघमेला क्षेत्र में भीषण कटान से गंगा पर बनाए गए पांच में तीन पांटून पुल प्रभावित हो गए। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि कटान से पांटून पुलों को खतरा है।
प्रयागराज,जेएनएन । संगम तट पर माघ मेले में एक माह के लिए तंबुओं की नगरी बसाने के लिए प्रशासन को इस बार कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पहले दलदल ने विभिन्न विभागों का काम बढ़ाया और उससे तैयारियां पिछड़ गईं। अब काम ने तेजी पकड़ी तो गंगा के तेज प्रवाह ने झटका दिया है। तेज धारा के कारण कटान बढ़ गई है जिससे पांटून पुलों को खतरा उत्पन्न हो गया है। पांटून पुलों में रोज पीपे बढ़ाने पड़ रहे हैं, जिसके कारण पांटून पुल को तोडऩा पड़ता है।
टिहरी, नरौरा बांधों और कानपुर बैराज से काफी मात्रा में छोड़ा गया है जल
बारिश और बर्फबारी के बाद टिहरी, नरौरा बांधों और कानपुर बैराज से काफी मात्रा में जल छोड़ा गया था। इसके कारण यहां पर गंगा का जलस्तर बढ़ गया था। जलस्तर घटने पर माघ मेला क्षेत्र में दलदल की स्थिति काफी दिन रही। अब प्रवाह के कारण माघमेला क्षेत्र में भीषण कटान से गंगा पर बनाए गए पांच में तीन पांटून पुल प्रभावित हो गए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कटान से पांटून पुलों को खतरा बढ़ गया है।
कटान से सौ मीटर तक बढ़ जा रही है पुल की लंबाई
सहायक अभियंता सत्येंद्र नाथ ने बताया कि त्रिवेणी मार्ग के पांटून पुल में कटान के कारण अब तक 20 पीपे बढ़ाने पड़े। ऐसे में सौ मीटर पुल की लंबाई भी बढ़ गई। दो बार में 10-10 पीपे बढ़ाने के चक्कर में पुल को तोडऩा भी बढ़ा। कटान से ही काली मार्ग और संगम लोवर मार्ग के पुल में भी पीपे बढ़ाने पड़े हैैं। पुलों के निर्माण के दौरान गंगा के किनारों पर लगाए गए विभाग के टेंटेज भी कटान की जद में आ गए हैैं। कटान पर नियंत्रण के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मेला प्रशासन से शिकायत की है। मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि कटान को नियंत्रित करने के लिए सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अफसरों को बुधवार सुबह ही निर्देश दे दिए गए थे। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार ने बताया कि कटान पर नियंत्रण के उपाय शुरू कर दिए गए हैैं।