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कौशांबी में अब घपलेबाज प्रधानों की खैर नहीं, होगी संपत्ति की जांच

आरोप यहां तक हैं कि प्रधानों ने विकास कार्य के लिए आने वाले धन से लग्जरी वाहन भवन व भूमि खरीद ली है। यह शिकायत शासन तक पहुंची है। इसको लेकर शासन ने सख्त निर्देश दिया है। अब जिले में प्रधानों की जांच होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 07:18 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 07:18 PM (IST)
कौशांबी में अब घपलेबाज प्रधानों की खैर नहीं, होगी संपत्ति की जांच
Rural Development Minister directed to investigate the property of the Gram Pradhans

कौशांबी,जेएनएन। प्रधानों ने अगर अपने कार्यकाल में आय से अधिक संपत्ति जुटाई है तो अब उनकी गर्दन फंसना तय है। शासन ने प्रधानों की संपत्ति की जांच का निर्देश दिया है। जांच में आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आया तो संबंधित प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।

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विहिप नेता ने ग्राम्‍य विकास मंत्री से की है शिकायत

 ग्राम पंचायतों में विकास कार्य संचालित हो रहे हैं। इन विकास कार्यों को संचालित कराने में प्रधानों पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। आरोप यहां तक हैं कि प्रधानों ने विकास कार्य के लिए आने वाले धन से लग्जरी वाहन, भवन व भूमि खरीद ली है। यह शिकायत शासन तक पहुंची है। इसको लेकर शासन ने सख्त निर्देश दिया है। अब जिले में प्रधानों की जांच होगी। ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप उर्फ मोती सिंह से जिले के विहिप कार्यकर्ता मोहन लाल ने शिकायत की थी। उन्होंने ग्राम्य विकास मंत्री को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर आने वाले धन का बंदर बांट हो रहा है। जिम्मेदार लोग कागजों पर ही काम पूरा करा दे रहे हैैं। इस धन से वह लग्जरी वाहन, भूमि व अन्य सामग्री खरीद रहे हैं। मोहन लाल के पत्र को गंभीरता से लेते हुए शासन ने सभी जिलों में पत्र भेजकर प्रधानों की संपत्ति की जांच का निर्देश दिया है।

सीडीओ बोले, वीसी में मिला है इस बाबत निर्देश

ग्राम्य विकास विभाग की ओर से मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया गया है कि वह प्रधानों की संपत्ति की जांच कराएं बीते पांच सालों में जिन प्रधानों ने वाहन, जमीन या मकान खरीदा है। उनकी सूची तैयार करते हुए उनकी आय के स्रोत पता किए जाएं। इसको लेकर सीडीओ से टीम गठित कर जांच कराते हुए रिपोर्ट मांगी गई है। सीडीओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान इस बाबत निर्देश मिला था हालांकि अब तक शासन का लिखित आदेश नहीं आया। पत्र आते ही टीम का गठन कर जांच शुरू करा दी जाएगी।


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