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नाव हादसा : पुरोहित को पकड़ा गया जबकि नाविक अभी फरार

मनकामेश्‍वर घाट पर हुए नाव हादसे के बाद उसमें बैठा पुरोहित व नाविक फरार हो गए थे। पुरोहित को पुलिस ने पकड़ लिया ज‍बकि नाविक फरार है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 03:16 PM (IST)
नाव हादसा : पुरोहित को पकड़ा गया जबकि नाविक अभी फरार
नाव हादसा : पुरोहित को पकड़ा गया जबकि नाविक अभी फरार

प्रयागराज : नाव हादसे के बाद  पुलिस ने कीडगंज निवासी पुरोहित नवल किशोर पंडा को पकड़ लिया है। उससे पूछताछ हो रही है। उधर, महेवा नैनी निवासी नाविक जगदीश निषाद फरार है। उसकी तलाश में कीडगंज और नैनी पुलिस दबिश दे रही है।

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 पुलिस का कहना है कि पीडि़त परिवार की तहरीर के आधार पर जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूछताछ में पता चला है कि नाविक ने दो हजार रुपये किराया तय किया था। रात में नाव चलाना प्रतिबंधित है। इसके बाद भी जगदीश श्रद्धालुओं की जिंदगी को खतरे में डालकर रात को नाव चलाता रहा। हैरानी की बात यह है कि नाव पर एक भी लाइफ जैकेट या ट्यूब नहीं थी। जबकि इसके लिए रजिस्ट्रेशन के दौरान ही नाविकों को निर्देश दिया गया था। उधर, दर्दनाक हादसे की खबर सुन हर कोई स्तब्ध है।

संगम पर भी हो चुके हैं कई हादसे 

यमुना में डूबी नाव ने संगम पर हुए हादसों को याद ताजा कर दी। करीब दो साल पहले ओवरलोडिंग के कारण संगम क्षेत्र में नाव पलट गई थी, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले पिकनिक मनाने गए चार छात्रों की मौत हो गई थी। अरैल घाट पर भी एयरफोर्स के जवान समेत तीन की मौत हो चुकी है। इस तरह कई और भी हादसे हो चुके हैं।

पूछताछ में पता चला है कि नाव में पानी भरने से हादसा हुआ। नाविक ने नियमों का पालन नहीं किया है। घटना की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-नितिन तिवारी, एसएसपी

डिजास्टर मैनेजमेंट को लेकर हो रही पूरी कवायद फेल

सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं को आना है। उनकी सुरक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। देश की सभी सुरक्षा एजेंसियों ने शहर में डेरा डाल दिया है। कुंभ में हर रोज मॉक ड्रिल, रिहर्सल हो रहा है। डूबने से बचाने का रिहर्सल और प्रशिक्षण चल रहा है। इतने कुछ के बीच सोमवार को नाव डूबने के हादसे से प्रशासनिक मशीनरी की पोल खुल गई। डिजास्टर मैनेजमेंट को लेकर हो रही पूरी कवायद फेल साबित हुई। चीख पुकार मची रही और पुलिसकर्मी व गोताखोर टार्च से काम चलाते रहे। प्रशासन का बचाव दल सर्च लाइट तक का इंतजाम नहीं कर सका। एक घंटे बाद लाइट का इंतजाम हुआ तो घाट का अंधेरा छटा। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि कुंभ में क्या होगा।


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