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प्रयागराज के झूंसी में प्रभु राम पर लिखी गई कविता पहुंची सरहद पार, America में राम काव्य पीयूष संग्रह में शामिल है यह रचना

हवेलिया झूंसी निवासी साहित्यकार विजयानंद ने राम पर मन को छूने वाली रचना तैयार की है। प्रभु राम के अवतार का वर्णन उन्होंने बहुत सुंदर ढंग से किया है। लिखा है कि...लंका जीतकर भी रामजी हारे हुए आते। लक्ष्मण सुग्रीव हनुमान हाथ पसारे हुए आते।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 06:17 PM (IST)
प्रयागराज के झूंसी में प्रभु राम पर लिखी गई कविता पहुंची सरहद पार, America में राम काव्य पीयूष संग्रह में शामिल है यह रचना
'राम का अवतार न होता कविता अमेरिका में प्रकाशित राम काव्य पीयूष में छपी है।

प्रयागराज, जेएनए। प्रयागराज की माटी अनमोल है। यहां एक से बढ़कर एक विद्वान साहित्यकार हैं। इन्हीं में एक हैं विजयानंद। यह झूंसी में रहते हैं। इनकी प्रभु राम पर लिखी कविता सरहद के पार पहुंच गई है। इनकी 'राम का अवतार न होता कविता अमेरिका में प्रकाशित राम काव्य पीयूष में छपी है। कविता में राम की महिमा का वर्णन है। यह कविता कोरोना काल में तैयार हुई है। राम काव्य पीयूष संग्रह में 13 देशों के कवियों की कविता प्रकाशित हुई है।  

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मन को छूने वाली है कविता
हवेलिया झूंसी निवासी साहित्यकार विजयानंद ने राम पर मन को छूने वाली रचना तैयार की है। प्रभु राम के अवतार का वर्णन उन्होंने बहुत सुंदर ढंग से किया है। लिखा है कि...लंका जीतकर भी रामजी हारे हुए आते। लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान हाथ पसारे हुए आते। अगर रावण सीता को सुरक्षित रख नहीं पाते। तो लंका क्या अयोध्या तक मन मारे हुए आते...। कविता में यह भी उल्लेख है कि ...धरा पर पाप नही होता। सभी सुख से अगर होते, कोई संताप नहीं होता। न रोती पृथ्वी, न देव, मानव ही दुखी होते। तो सच में पृथ्वी पर राम का अवतार न होता...। ऐसे आगे लिखा है कि ... अगर अपयश कैकयी, अपने सिर नहीं लेती। दशरथ का मरण, विधवा स्वयं भी नहीं होती। भला कब राम सीता, लक्ष्मण का वनगमन होता। फिर राम की यह कथा, ऐसी भी नहीं होती।


123 कवियों की रचनाएं हैं शामिल
साहित्यकार विजयानंद की रचना जिस अमेरिकी राम काव्य पीयूष संग्रह में प्रकाशित हुई उसमें 13 देशों के 123 कवियों की कविता प्रकाशित है। इस पुस्तक में कुल 151 रचनाएं हैं। इन कवियों में 69 भारत के और 54 अन्य देशों के कवि शामिल हैं। इन देशों में भारत, अमेरिका, सिंगापुर, नीदरलैंड, त्रिनिदाद, सऊदी अरब, इंग्लैंड, केन्या, कनाडा, आस्टे्रलिया, मारीशस, यूक्रेन, यूएई हैं। इस काव्य संग्रह के संपादक अमेरिका के हयूटसन शहर के निवासी ओमप्रकाश गुप्ता हैं। यह संकलन अमेरिका के ही राम चरित भवन से प्रकाशित हुआ है।

काव्य संग्रह में प्रभु राम की रचनाएं ही हैं शामिल
राम काव्य पीयूष संग्रह में प्रभु राम की रचनाएं ही शामिल हैं। विजयानंद बताते हैं कि इस संग्रह में राम और रामायण से संबंधित कविता को जगह मिली है। इसमें दो कविता अंग्रेजी और बांग्ला भाषा में है। अमेरिका के रामचरित संस्थान ने कोरोना काल में तीन बार ऑनलाइन काव्य पाठ आयोजित कराया था। आयोजन मेंं विश्व भर के तीन सौ कवियों ने राम और रामायण पर कविताएं प्रस्तुत की थीं। इसी आधार पर 123 कवियों की उत्कृष्ट रचनाओं को संकलन में शामिल किया गया। वे बताते हैं कि राम काव्य पीयूष संग्रह में विश्व के अन्य धर्मों के कवियों की राम पर लिखी कविताएं संकलित करना सर्वधर्म समभाव को दर्शाता है।

मिला चुका है भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान
साहित्यकार विजयानंद को हिन्दुस्तान एकेडेमी से भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान मिला चुका है। हिंदी संस्थान भी उन्हें दो बार सम्मानित कर चुका है। साहित्य की विभिन्न विधाओं में 78 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।


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