माफिया अतीक की अर्जी अदालत ने की खारिज, 13 नवंबर को होगी पेशी, Prayagraj news
कोर्ट ने पूर्व सांसद अतीक अहमद की अर्जी को खारिज करते हुए आदेश दिया कि आरोप तय करने के लिए 13 नवंबर की तिथि मुकर्रर की जाती है। इस संबंध में गृह सचिव को पत्र भेजकर सुनिश्चित तिथि पर अभियुक्त को उपस्थित कराया जाए।
प्रयागराज, जेएनएन। करेली थाने में दर्ज मुकदमे में माफिया अतीक अहमद की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी की अर्जी एमपी, एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी है। साथ ही 13 नवंबर को अतीक को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। अतीक ने अपनी अर्जी में हत्या की आशंका दोहराई है।
वीडियो कांफ्रेसिंग से सुनवाई चाहता है माफिया
वर्ष 2016 में अतीक के खिलाफ करेली थाने में बलवा, जानलेवा हमला, धमकी के आरोप में मुकदमा लिखा गया था। उस मुकदमे की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराने के लिए अतीक की ओर से अर्जी दी गई थी। इसमें अतीक की ओर से यह भी कहा गया था कि पुलिस ने गलत तथ्यों के आधार पर फर्जी आदेश कोर्ट से प्राप्त किया है। उसकी हत्या करने का कुचक्र रचा गया है। वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उसे नैनी जेल से हटाकर अहमदाबाद के साबरमती जेल में रखा गया है। वहां से प्रयागराज की दूरी 1450 किमी के करीब है। वह हृदय रोग, शुगर और उच्च रक्तचाप से पीड़ति है। इतनी लंबी दूरी तय करने के दौरान रास्ते में कुछ भी हो सकता है। लिहाजा गुजरात के जिस भी जेल में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा हो, वहां से न्यायिक कार्य संपन्न कराया जाए।
आरोपितों की हत्या का दिया हवाला
अर्जी में यह भी कहा गया है कि कई मामलों में पुलिस ने तलबी आदेश लेकर आरोपितों की हत्या करा दी है। प्रस्तुत मामले में अतीक के अधिवक्ता ताराचंद गुप्ता, दयाशंकर मिश्रा, राधेश्याम पांडेय, निसार अहमद, खान सौलत हनीफ उपस्थित होकर कोर्ट में कार्यवाही संपन्न कराते रहे हैं। शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि, वीरेंद्र सिंह ने तर्क रखा कि प्रस्तुत मामले में आरोप तय करने की कार्यवाही चल रही है। सुनवाई के समय कोर्ट में अभियुक्त का उपस्थित रहना जरूरी है। कोर्ट ने उभयपक्ष के तर्क व विधि व्यवस्था को देखते हुए अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियुक्त की ओर से दी गई दलील कमजोर है। ऐसे में प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।
गृह सचिव सुनिश्चित कराएं पेशी
कोर्ट ने पूर्व सांसद अतीक अहमद की अर्जी को खारिज करते हुए आदेश दिया कि आरोप तय करने के लिए 13 नवंबर की तिथि मुकर्रर की जाती है। इस संबंध में गृह सचिव को पत्र भेजकर सुनिश्चित तिथि पर अभियुक्त को उपस्थित कराया जाए।