किसानों तक पहुंचने के लिए सरकार का नया प्रयोग, इस योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया, जानिए क्या है यह प्रयोग Prayagraj News
प्रसार के इस तंत्र को सरकार और मजबूत कर रही है। इसके लिए अब तक 20 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की स्थापना की जा रही है। अधिकांश स्थापना के बाद संचलन में हैं। अब हर बड़े जिले में दो और छोटे जिलों में एक-एक कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हो जाएंगे।
प्रयागराज,जेएनएन। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने किसानों के हित में बनने वाली तमाम योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार ने किसानों तक पहुंचने के लिए द मिलियन फार्मस स्कूल नाम से नया प्रयोग शुरू किया है। दोनों फसली सीजन के शुरुआत में होने वाले अपने तरह की इस अभिनव योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा चुका है। प्रसार के इस तंत्र को सरकार और मजबूत कर रही है। इसके लिए अब तक 20 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की स्थापना की जा रही है। अधिकांश स्थापना के बाद संचलन में हैं। बाकी पर काम चल रहा है। अब हर बड़े जिले में दो और छोटे जिलों में एक-एक कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हो जाएंगे। आजमगढ़ और लखीमपुर खीरी में कृषि महाविद्यालय की स्थापना, भदोही और गोरखपुर में पशुचिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से भी खेतीबाड़ी को बढ़ावा मिलेगा।
बाजार की मांग के अनुसार किसान खेती करें
किसान परंपरागत खेती की जगह बाजार की मांग के अनुसार खेती करें। इसके लिए विविधीकरण और प्रसंस्करण पर भी सरकार का खासा जोर है। किसान को उसकी उपज का वाजिब दाम मिले इसके लिए सरकार न केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया के साथ फसलों के खरीद के दायरे और क्रय केंद्रों की संख्या को भी बढ़ाया। हर फसली सत्र में एमएसपी पर खरीद और इसके एवज में किसानों को भुगतान का नया रिकार्ड बन रहा है। धान खरीद के मौजूदा सत्र में पिछले साल की तुलना में अब तक करीब डेढ़ गुना खरीद हो चुकी है। नई मंडियों की स्थापना, इन मंडियों को ई-नैम पोर्टल से जोडऩा, बुनियादी सुविधाओं का विकास और मंडी शुल्क में एक फीसद की कमी के पीछे भी एक मात्र मकसद किसानों का अधिकतम हित है।