Magh Mela-2020 : माघ मेला में बसने लगी संतों की वैभवशाली दुनिया Prayagraj News
महामंंत्री स्वामी ब्रह्माश्रम देव का कहना है कि शिविर में सभी इंतजाम 10 जनवरी तक पूरे कर लिए जाएंगे क्योंकि इसके बाद मेला शुरू हो जाएगा और कल्पवासी भी बस जाएंगे।
प्रयागराज,जेएनएन। माघ मेला क्षेत्र में तंबुओं का शहर बसने के साथ अब संत-संन्यासियों की वैभव से भरी दुनिया भी आबाद होने लगी है। त्रिवेणी मार्ग, काली सड़क, महावीर मार्ग, खाक चौक, अक्षयवट मार्ग सहित अन्य रास्तों के किनारे संतों के शिविर लगने शुरू हो गए हैं। इनमें प्रवचन स्थल, कल्पवासियों के लिए कुटिया, पूजन और भंडारा रसोई के इंतजाम 10 जनवरी तक कर लिए जाने की तैयारी है। जमीन आवंटन में अव्यवस्था के चलते कुछ संतों में नाराजगी भी है।
शिविरों को दिया जा रहा अंतिम रूप
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के लिए त्रिवेणी मार्ग पर जमीन मिली है। बुधवार को जमीन पर भूमि पूजन हुआ। मुख्य रूप से मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी ब्रह्मचारी श्रीधरानंद, स्वामी विद्या चेतन महाराज, लवकुश महाराज, आचार्य दिवाकर शास्त्री, आचार्य देवेंद्र त्रिपाठी, आचार्य रामचंद्र शुक्ल सहित अन्य संन्यासी शामिल रहे। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंध समिति का शिविर सेक्टर चार और पांच में ओल्ड जीटी मार्ग पर लगने की शुरुआत हो गई है।
दस जनवरी तक पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे शिविर
महामंंत्री स्वामी ब्रह्माश्रम देव का कहना है कि शिविर में सभी इंतजाम 10 जनवरी तक पूरे कर लिए जाएंगे क्योंकि इसके बाद मेला शुरू हो जाएगा और कल्पवासी भी बस जाएंगे। श्रीमद् परमहंस आश्रम टीकरमाफी अमेठी का शिविर काली सड़क पर लगने लगा है। यह शिविर थाना कल्पवासी के समीप तुलसी चौराहा पर बसाया जा रहा है। टीकरमाफी आश्रम के महंत स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी ने कहा कि दूर दराज से आने वाले भक्तों के रहने, कल्पवासियों के रहने के इंतजाम, प्रवचन स्थल, पंडाल व भंडारे का स्थान चिह्नित कर काम शुरू करा दिया गया है। फिलहाल टीन की चादरों से बाउंड्री बनाई गई है। कई अन्य संत संन्यासियों के शिविर भी महावीर मार्ग पर बस रहे हैं। उधर माघ मेले के सबसे अहम क्षेत्र खाक चौक मेें खाक चौक प्रबंध समिति की ओर से आश्रम व शिविर लगाने की प्रक्रिया तेज है। काशी सुमेरु पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि मेला प्रशासन ने कई बार तारीख देने के बाद मंगलवार को उन्हें जमीन देने से साफ इन्कार कर दिया है। मेला प्रशासन की मनमानी बताकर आक्रोश जताते हुए उन्होंने माघ मेले में आने से इन्कार कर दिया है।