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Birth Anniversary: प्रतापगढ़ के पहले सांसद पं. मुनीश्वरदत्त उपाध्याय कहलाए शिक्षा जगत के मालवीय

पं. मुनीश्वरदत्त उपाध्याय की जन्मतिथि पर विशेष- एमडीपीजी कालेज के पूर्व प्रवक्ता डा. सूर्य प्रकाश त्रिपाठी बताते हैं कि पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय कानून के जानकार होने के साथ ही शिक्षा से बेहद लगाव रखते थे। उनका मानना था कि शिक्षा ही उन्नति का सशक्त साधन है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:30 AM (IST)
Birth Anniversary: प्रतापगढ़ के पहले सांसद पं. मुनीश्वरदत्त उपाध्याय कहलाए शिक्षा जगत के मालवीय
दो दर्जन शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने का काम किया था।

प्रतापगढ़, रमेश चंद्र त्रिपाठी। जिले के पहले सांसद रहे पं. मुनीश्वर दत्त उपाध्याय शिक्षा जगत के मालवीय कहे जाते हैं। उन्होंने प्रतापगढ़ में दो दर्जन शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने का काम किया था। पंडित जी का जन्म तीन अगस्त वर्ष 1898 को लालगंज तहसील के लक्ष्मणपुर गांव में गजाधर प्रसाद उपाध्याय के घर हुआ था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने इलाहाबाद के महापौर कार्यालय की नौकरी छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था। आजादी के बाद दिल्ली में उन्होंने पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, डा. राजेंद्र प्रसाद के बीच सफलता पूर्व कार्य करते हुए उनमें अपनी एक अलग पहचान बनाई। वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पहले अध्यक्ष रहे। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें संविधान निर्मात्री सभा का सदस्य बनाया गया था।

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दो बार चुने गए थे प्रतापगढ़ से सांसद

बेल्हा के राजनीतिक क्षितिज पर तमाम सितारे निकले, लेकिन उनमें सबसे अधिक प्रकाशमान नक्षत्र के रूप में प. मुनीश्वर दत्त उपाध्याय ही रहे। उनकी संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए वर्ष 1955 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 1952 व 1957 में प्रतापगढ़ से दो बार सांसद हुए। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें संविधान निर्मात्री सभा का सदस्य बनाया गया थ। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के किसान आंदोलन का जिले में नेतृत्व करते हुए मुनीश्वर दत्त ने बाबा रामचंदर, झिंगुरी सिंह और पूर्व विधायक रामराज शुक्ल के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिले के महामना कहे जाने वाले पंडित जी ने 22 शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर पूरे जनपद में शिक्षा की अलख जगाई थी। स्वतंत्रता आंदोलन के समय महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन को मुनीश्वर दत्त ने गांव-गांव तक पहुंचा कर बापू के सपनों को साकार किया था। यूपी में चंद्रभानु गुप्त के मंत्रिमंडल में पंडित जी को राजस्व मंत्री बनाया गया था।

शिक्षा ही उन्नति का सशक्त साधन

एमडीपीजी कालेज के पूर्व प्रवक्ता डा. सूर्य प्रकाश त्रिपाठी बताते हैं कि पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय कानून के जानकार होने के साथ ही शिक्षा से बेहद लगाव रखते थे। उनका मानना था कि शिक्षा ही उन्नति का सशक्त साधन है। उन्होंने जिले से अशिक्षा को दूर करने के लिए ध्यान केंद्रित किया। जिले का विकास शिक्षा के माध्यम से ही हो सकता है। उन्होंने 1948 में अपने करीबी पूर्व विधायक रामराज शुक्ल के नाम पर रामराज इंटर कालेज पट्टी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सैफाबाद की स्थापना की। यह उनकी पहली शिक्षण संस्था थी। इसके बाद जिले में बीस इंटर कालेज, दो डिग्री कालेज और दो जूनियर हाईस्कूल की स्थापना की। इन शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन करने वाले विद्यार्थी आज देश और विदेश के उच्च सेवाओं में कार्यरत हैं। पं. श्याम किशोर शुक्ल बताते हैं कि पे. मुनीश्वर दत्त उपाध्याय बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन पर पूरे जिले को गर्व है।


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