स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने काला फीता बांध पकड़ी आंदोलन की राह, दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी
उप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले सभी संविदा कर्मियों ने आंदोलन का झंडा उठा लिया है। स्थानांतरण नीति वेतन पालिसी और वेतन विसंगति आउटसोर्स नीति 25 फीसद कोविड प्रोत्साहन राशि पीईटी परीक्षा की बाध्यता पर कर्मचारी नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। वेतन पालिसी और वेतन विसंगति से परेशान स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। पांच समस्याओं पर मांग पूरी न होने से आक्रोशित संविदा कर्मियों ने बांह पर काला फीता बांधकर शासकीय काम किया। गुरूवार के बाद शुक्रवार को भी आंदोलन का यही रूप रहा। इसके बाद कार्य बहिष्कार और अन्य बड़े रुख अपनाए जाएंगे।
उप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले सभी संविदा कर्मियों ने आंदोलन का झंडा उठा लिया है। स्थानांतरण नीति, वेतन पालिसी और वेतन विसंगति, आउटसोर्स नीति, 25 फीसद कोविड प्रोत्साहन राशि, पीईटी परीक्षा की बाध्यता पर कर्मचारी नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को ज्ञापन भेजकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की। संघ के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर मयंक प्रताप सिंह के नेतृत्व में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मांगे पर पूरी न होने पर आंदोलन को और धार देने की चेतावनी दी है।
संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग
उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ ने विभिन्न मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। इससे पहले दोपहर के समय संघ कार्यालय में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए सभा हुई। जिसमें सरकार से मांग की गई कि पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए, रिक्त शासकीय पदों पर नियुक्तियां की जाएं, महंगाई भत्ते व अन्य भत्ते तत्काल दिए जाएं और संविदा, डेली वेजेज व आउट सोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इस अवसर पर महासंघ के मंडल अध्यक्ष अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, मंडल मंत्री धीरेंद्र श्रीवास्तव, राज्य कर्मचारी महासंघ स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय इकाई के अध्यक्ष राम मनोहर सहित अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।