जूना अखाड़े के नगर प्रवेश की बदल चुकी है तारीख, जानें क्यों
कुंभ मेले की प्रशासनिक तैयारियों में सुस्ती की वजह से जूना अखाड़े के नगर प्रवेश की तिथि बदलनी पड़ रही है। इससे आक्रोश है।
प्रयागराज : धीमी रफ्तार से चल रहीं कुंभ की तैयारियां जूना अखाड़े के नगर प्रवेश में बाधा बन गई हैं। अखाड़े के नगर प्रवेश की तिथियां दो बार बदली जा चुकी हैं। पहले अखाड़ा सात नवंबर को नगर प्रवेश करना चाहता था, लेकिन तैयारी पूरी न होने के चलते तारीख बढ़ा दी गई। इसके बाद अधिकारियों की गुजारिश पर अखाड़े ने 22 नवंबर को नगर प्रवेश करने का निर्णय लिया।
इस बार भी तैयारी अधूरी ही रही। अब अखाड़े ने 28 नवंबर को नगर प्रवेश का निर्णय लिया है। हालांकि लगातार तिथियां बदलने से संतों में नाराजगी है। जूना अखाड़े का नगर प्रवेश झूंसी स्थित रामापुर गांव के रोकडिया हनुमान मंदिर से आरंभ होनी है। इसके मद्देनजर प्रशासन को सड़क दुरुस्त कराने के साथ शौचालय, प्रकाश, महात्माओं के रुकने के लिए टेंट व पीने के पानी की व्यवस्था करानी है जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
क्या कहते हैं अखाड़े के मुख्य संरक्षक :
अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि का कहना है कि प्रशासनिक तैयारी न होने से नगर प्रवेश की तिथि बढ़ाई गई है। अब 22 की जगह 28 नवंबर को भव्यता से अखाड़े का नगर प्रवेश होगा।
दिखेगा अखाड़े का वैभव :
जूना अखाड़े का नगर प्रवेश शाही अंदाज में होगा। शोभायात्रा में हाथी-घोड़े भी शामिल रहेंगे। सबसे आगे अखाड़े के आराध्य दत्तात्रेय भगवान की चांदी की पालकी होगी। सैकड़ों महात्मा इस शोभायात्रा का हिस्सा बनेंगे। इसमें महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत व नागा संन्यासियों का हुजूम होगा।
शुरू हो जाएगी तैयारी :
नगर प्रवेश करने के बाद अखाड़ा कुंभ की तैयारी शुरू कर देगा। यमुना बैंक रोड स्थित मौज गिरि मंदिर के साथ ही मेला क्षेत्र में भी महात्मा शिविर लगाने में तल्लीन हो जाएंगे। इसके बाद देश-विदेश के महात्माओं का प्रयागराज आगमन तेज हो जाएगा। 13 अखाड़ों में सबसे बड़ा है जूना अखाड़ा।
नगर प्रवेश की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें जनता-जनार्दन जूना अखाड़े का वैभव देखेगी।
-श्रीमहंत प्रेम गिरि, उपाध्यक्ष जूना अखाड़ा
नगर प्रवेश में अखाड़े के प्रमुख महात्मा शिरकत करेंगे। इसके बाद मेला क्षेत्र में शिविर लगाने की तैयारी शुरू हो जाएगी।
-श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, प्रवक्ता जूना अखाड़ा
प्रमुख कार्यक्रम :
-28 नवंबर को नगर प्रवेश।
-12 दिसंबर को मेला क्षेत्र में
भूमि पूजन।
-25 दिसंबर को मेला क्षेत्र में पेशवाई।